नई दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह का मानना है कि यंग टैलेंट को निखारने के लिए सौरव गांगुली का रोल बहुत अहम रहा है. युवराज ने युवा खिलाड़ियों को मौका देने और उनके करियर को नई दिशा देने के लिए पूर्व भारतीय कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की तारीफ की और गांगुली को ही अपना पसंदीदा कप्तान चुना.
गांगुली ने बनाया करियर
युवराज सिंह ने कहा कि दादा मेरे पसंदीदा कप्तान हैं. उन्होंने मेरा काफी समर्थन किया, सबसे अधिक. हम युवा थे इसलिए उन्होंने प्रतिभा को भी निखारा. इसके अलावा युवराज ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जिक्र करते हुए कहा कि धोनी टीम का चयन करते समय अपने फेवरेट खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें मौके देते थे.
धोनी रखते थे फेवरेट खिलाड़ियों का ध्यान
युवराज सिंह ने कहा कि किसी भी कप्तान का अपना एक मनपसंद खिलाड़ी होना आम बात है और जब बात महेंद्र सिंह धोनी की आती है तो वह सुरेश रैना थे, जिन्हें इस पूर्व भारतीय कप्तान का समर्थन हासिल था. युवराज ने बताया कि किस तरह 2011 वर्ल्ड कप के दौरान धोनी को चयन को लेकर सिरदर्द का सामना करना पड़ा जब उन्हें प्लेइंग इलेवन में उनके, यूसुफ पठान और सुरेश रैना में से किसी दो को चुनना था.
कैसे चुनी जाती थी टीम?
युवराज ने कहा कि सुरेश रैना को तब काफी समर्थन हासिल था, क्योंकि धोनी उसका समर्थन करता था. सभी कप्तानों के पसंदीदा खिलाड़ी होते हैं और मुझे लगता है कि उस समय माही ने रैना का काफी समर्थन किया. अंतत: तीनों खिलाड़ियों ने प्लेइंग इलेवन (पठान को हालांकि टूर्नामेंट के बीच में प्लेइंग इलेवन से हटा दिया गया) में जगह बनाई और युवराज की भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका रही.
युवराज ने कहा कि उस समय यूसुफ पठान भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और मैं भी अच्छा कर रहा था और विकेट भी हासिल कर रहा था. रैना उस समय अच्छी लय में नहीं था. युवराज ने कहा कि उस समय हमारे पास बाएं हाथ का स्पिनर नहीं था और मैं विकेट हासिल कर रहा था इसलिए उनके पास कोई और विकल्प नहीं था.