रांची : राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना ओझा एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रिंस अजमानी ने रांची में संयुक्त प्रेसवार्ता किया. उन्होंने कहा कि झारखंड में कई दलों में अपनी उपस्थिति दे चुकी डाल्टनगंज विधानसभा की पूर्व प्रत्याशी एवं वर्तमान की आजसू की वरिष्ठ नेत्री विजेता वर्मा को आखिर किसका संरक्षण प्राप्त है? जो बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी ये खुलेआम घूम रही हैं.
साधना ओझा ने कहा कि झारखंड के प्रशासन उनका बाल भी बाका नहीं कर पा रहा है. ऑडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि पलामू में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कोषाअध्यक्ष व पलामू जिला के छतरपुर हरिहरगंज के निवासी की हत्या करा दी जाती है. हत्यारन अभी तक खुलेआम घूम रही है. पलामू के बड़े-बड़े शूटर के सांठगाठ के साथ सुपारी किलर जैसे वारदातों को अंजाम देती है. एक और वॉइस कॉल रिकॉर्ड के माध्यम से यह भी प्रतीत होता है कि शहर के नामी गिरामी व्यापारियों को भी ब्लैकमेल कर पार्टी की आड़ में करोड़ों की उगाह करती है.
उन्होंने आगे कहा कि वॉइस कॉल के माध्यम से यह प्रतीत होता है कि आजसू पार्टी के साथ-साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच रखती हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार संघठन इन दोनों वॉइस कॉल को मीडिया को उपलब्ध करा रही है. उसकी उच्चस्तरीय जांच करायी जाए एवं दोषी को अविलंब गिरफ्तार किया जाए. ताकि वो बाहर रहकर साक्ष्य के साथ कोई छेड़खानी ना कर पाए. साथ ही साथ मानवाधिकार संगठन यह भी मांग करती है कि पलामू राम सिंह, हेमंत सिंह और बिहारी सिंह के सुपुत्र मनोज सिंह जैसे लोगों का इस महिला विजेता वर्मा जैसे सुपारी किलर के साथ क्या संबंध है? कही ऐसा तो नहीं ये सारे लोग मिलकर एक बड़ा गैंग चला रहे हो, इन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. इसलिए आज तक प्रशासन उनका बाल भी बाका नहीं कर पाया है.
गौरी रानी की रिपोर्ट