अगरतला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज त्रिपुरा के अगरतला में रैली को संबोधित किया. साथ ही कई योजनाओं का ऐलान किया. पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी, मिशन 100 विद्या ज्योति स्कूल और त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना को लॉन्च किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज आज हीरा मॉडल पर त्रिपुरा अपनी कनेक्टिविटी सुधार रहा है. राज्य की पिछली सरकारों पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि पहले यहां भ्रष्टाचार की गाड़ी रुकने का नाम नहीं लेती थी और विकास की गाड़ी पर ब्रेक लगा हुआ था. पहले जो सरकार यहां थी उसमें त्रिपुरा के विकास का ना विजन था और ना ही उसकी नीयत थी.
पीएम मोदी ने कहा कि गरीबी और पिछड़ेपन को त्रिपुरा के भाग्य के साथ चिपका दिया गया था. 21वीं सदी का भारत, सबको साथ लेकर, सबके विकास और सबके प्रयास से ही आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि कुछ राज्य पीछे रहें, कुछ राज्य के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते रहें, ये असंतुलित विकास ठीक नहीं. त्रिपुरा के लोगों ने दशकों तक यहां यही देखा है.
क्या है पीएम मोदी का HIRA मॉडल?
त्रिपुरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हीरा मॉडल का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा H से हाईवे, I से इंटरनेट,R से रेलवे और A से एयरवेज़. उन्होंने कहा कि आज हीरा मॉडल पर त्रिपुरा अपनी कनेक्टिविटी सुधार रहा है, अपनी कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है. पीएम मोदी ने डबल इंजन की सरकार का ज़िक्र करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार का कोई मुकाबला नहीं है. डबल इंजन की सरकार यानी संसाधनों का सही इस्तेमाल. डबल इंजन की सरकार यानी संवेदनशीलता. डबल इंजन की सरकार यानी लोगों के सामर्थ्य को बढ़ावा.
इस मौके पर पीएम ने कहा कि 21वीं सदी में भारत को आधुनिक बनाने वाले नौजवान मिलें, इसके लिए देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही है. इसमें स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर भी उतना ही जोर दिया गया है. त्रिपुरा के विद्यार्थियों को अब मिशन-100 कि विद्या ज्योति’ अभियान से भी मदद मिलने वाली है. मैंने लाल किले से कहा था कि अब हमें योजनाओं के लाभार्थियों तक खुद पहुंचना होगा.
पीएम ने कहा कि जब त्रिपुरा अपने राजत्व के 50 वर्ष पूर्ण कर रहा है, ये संकल्प अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है. देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विकल्प देने में भी त्रिपुरा एक अहम भूमिका निभा सकता है. यहां बने बांस के झाड़ू, बांस की बोतलें, ऐसे प्रोडक्ट्स के लिए बहुत बड़ा बाज़ार देश में बन रहा है. इससे बांस के सामान के निर्माण में हज़ारों साथियों को रोज़गार, स्वरोज़गार मिल रहा है.