द एचडी न्यूज डेस्क : भागलपुर आंखफोरवा कांड के बाद अब मुजफ्फरपुर में अब आंखफोरवा कांड सामने आया है. हम बता दें कि मुजफ्फरपुर में आंख का इलाज करवाने के दौरान 19 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. मामला नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन ने उठाया. जिसके बाद बिहार सरकार की आंख खुली और सरकार ने सभी मरीजों इलाज करवाने की पहल की. सरकार ने आईजीआईएमएस को यह जिम्मेदारी दी.
इसी मामले में अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए क्या कुछ इंतजाम किया गया है. इसका जायजा लेने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत आईजीआईएमएस पहुंचे. जहां उन्होंने वार्ड का निरीक्षण किया. निरीक्षण करने के बाद उन्होंने घटना को दुखद बताते हुए, कहा कि सरकार की ओर से जो भी बन पाएगा वह किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि मरीजों का इलाज सरकार मुफ्त में करवाएगी. यहां हम आपको ये अपडेट कर दे की मुजफ्फर पुर में आंखों का इलाज करवाने गए अब तक कुल 65 लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है.
प्रत्यय अमृत ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद अस्पताल द्वारा आने वाले मरीजों की पूर्ण रूप से व्यवस्था की गई. अस्पताल के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि मुजफ्फरपुर से कुल नौ मरीज हमारे यहां इलाज करवाने आ रहे हैं. जिनके लिए अस्पताल द्वारा सभी तरह की व्यवस्था पूरी कर ली गई है. गौरतलब है कि सरकार जिन मरीजों की आंख चली गई है, उनका इलाज मुफ्त में करवाएगी. साथ ही साथ उनके साथ आने वाले परिजनों के रहने और खाने की भी व्यवस्था भी मुफ्त में की जाएगी. जिसका सारा खर्च सरकार की ओर से वहन किया जाएगा. अस्पताल द्वारा एक स्पेशल वार्ड बनाया गया है. जिसमें ऑक्सीजन से लेकर सभी तरह की व्यवस्था की गई है.
आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट का कहना है कि आने वाले मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. जब उनसे पूछा गया कि आखिर मरीजों की आंख कैसे गई. इस पर उन्होंने कहा कि मरीजों का परीक्षण करने के बाद ही यह बताया जा सकेगा कि कहां लापरवाही बरती गई है. हालांकि उन्होंने यह आश्वस्त किया कि आने वाले मरीजों का उचित इलाज किया जाएगा और उनकी आंखों की रोशनी वापस लाने की पूरी कोशिश की जाएगी.
विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट