उत्तराखंड : सात फरवरी को चमोली में आए सैलाब के रास्ते में जो आया, वो तबाह हो गया. अबतक 30 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 170 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं. पांचवें दिन भी तपोवन टनल में फंसे 30 से ज्यादा मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह से जारी था, लेकिन अचानक टनल में पानी भर जाने के कारण रेस्क्यू को अभी रोका गया है.
राहत और बचाव कार्य का
प्रशासन का कहना है कि जलस्तर घटने के बाद टनल में फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा, इसके अलावा रैणी गांव, श्रीनगर डैम में भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, गांव के प्रधान और ग्रामीणों की निशानदेही पर टीमों को भेजा जा रहा है, अभी तक 35 शव बरामद किए जा चुके हैं, बाकी लोगों की तलाश जारी है.
एसडीआरएफ का कहना है कि नदी और टनल आपस में मिल गए हैं, इस वजह से मुश्किल आ रही है, अभी हमें जो लिस्ट मिली है, उसके मुताबिक टनल में 39 मजदूर फंसे हो सकते हैं, हमें नहीं पता है कि वह टनल के किस हिस्से में फंसे हैं, हम उनको बचाने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं, जो फिलहार रूका हुआ है.
रेस्क्यू ऑपरेशन रोके जाने पर एसडीआरएफ का कहना है कि अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है और नदी व टनल एक लेवल एक हो गया है, इस वजह से नदी से भी पानी आ रहा, जब भी कीचड़ निकालने की कोशिश कर रहे हैं, तब नदी के जरिए टनल में कीचड़ आ रहा है.
अलकनंदा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ रहा है और उसका पानी टनल में भी आ गया है. इस वजह से रेस्क्यू टीम को आधे किलोमीटर तक पीछे ले जाया गया है. मौके पर मौजूद जिलाधिकारी का कहना है कि हमें अभी नहीं पता है कि जलस्तर कैसे और कितना बढ़ा है, लेकिन लोगों की सुरक्षा के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को बंद किया.