रांची : झारखंड में भी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की एंट्री हो गई है. बिहार के पशुपालन और मत्स्य संसाधन मंत्री व वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि झारखंड में सत्ता की नहीं निषादों और अति पिछड़ों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ने आए हैं. वीआईपी को उन्होंने झारखंड में भी आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया है. सहनी ने झारखंड पहुंचने के बाद भगवान बिरसा मुंडा और जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और फिर वीआईपी का झारखंड में शुभारंभ करते हुए पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया.
उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य निर्माण करने का मुख्य उद्देश्य था कि झारखंड का विकास हो सके. समाज के निचले, दबे कुचलों को उनका अधिकार मिल सके तथा वनवासियों को विकास के पथ पर लाया जा सके. झारखंड जन्म के बाद युवा हो गया, लेकिन आज भी यहां के लोगों की वही स्थिति बनी हुई है. यहां के युवा पलायन कर रहे हैं, मानव तस्करी के जरिए यहां की लड़कियों का शोषण हो रहा है. ‘सन ऑफ मल्लाह ‘ के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि हमलोग ने जब से अति पिछड़ों के आरक्षण को 15 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की है, तब से वे राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आज इसी हक की लड़ाई लड़ने के लिए लोगों का प्यार मिलता है, तो फिर क्यों नहीं इनके हक अधिकार की लड़ाई लड़ूं?.
उन्होंने झारखंड सरकार से मांग करते हुए कहा कि मल्लाह जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाए. ऐसा ही प्रस्ताव नीतीश सरकार केंद्र सरकार के पास भेज चुकी है. अब तक अति पिछड़ों के कल्याण के लिए नारे खूब लगे, सियासत में इनके वोटों का भी खूब इस्तेमाल किया गया, लेकिन अब समय आ गया है यह अधिकार मांगा नहीं जाए बल्कि इसके लिए लड़ाई लड़ी जाए.
सहनी ने उपस्थित लोगों से पार्टी के साथ जुड़ने की अपील करते हुए भरोसा दिलाते हुए साफ लहजे में कहा कि वे झारखंड वापस लौटने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि वे यहां लड़ाई लड़ने और जीतने आए हैं. उन्होंने गरीबी देखी है. मल्लाहों की बेरोजगारी का मुझे एहसास है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यह वह धरती है, जहां एक सामान्य परिवार में जन्मे भगवान बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी. आज फिर से समय आ गया है जब अधिकारों और हक की लड़ाई लड़ी जाए. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि वीआईपी का कारवां झारखंड की पावन भूमि तक पहुंच गया है और आपलोगों की मदद से लड़ाई हम जीतेंगे भी.
झारखंड बिहार और बंगाल के निषाद समाज को हक़ अधिकार दिलाने में व एससी-एसटी में शामिल करने के लक्ष्य के साथ झारखंड में वीआईपी पार्टी ने कदम रखा है. रांची में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी ने बताया कि निषाद समाज का हक लड़ कर लेंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड बिहार के अति पिछड़ों के हक अधिकार और झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में समाज को एससी एसटी में शामिल कराना लक्ष्य है. इस दौरान उन्होंने वर्ष 2024 के चुनाव में भी शामिल होने की बात कही. हालांकि झारखंड के विभिन्न राजनीतिक दलों की प्राथमिकता व किए गए कार्यो पर चिंता जताते कहा कि अब तक झारखंड में लोगों को जो हक अधिकार मिलना चाहिए था वह नहीं मिला, जिन मुद्दों पर वीआईपी पार्टी काम करेगी.
गौरी रानी की रिपोर्ट