PATNA: स्ट्रीट वेंडर्स भी मानव है जीवन जीने के अधिकारी हैं, अतिक्रमण कारी नहीं स्वरोजगारी हैं, संरक्षण सरकार की जिम्मेदारी है। इसी श्लोगन के साथ आज 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर स्ट्रीट वेंडर्स ने अपनी मांग को लेकर मीडिया से बातचीत की।
वेंडर्स के आजीविका के अधिकारों का हनन बंद हो और कानून लागू हो ऐसी मांग की गई है। आपको बता दें कि संविधान की धारा 19-1(जी) एवं 21 के तहत क्रमशः रोजगार के करने एवं जीवन के अधिकार के मद्देनजर स्ट्रीट वेंडर्स के आजीविका के संरक्षण के लिए स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम 2014 को लागू किया गया।
कानून के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कोविड-19 के दौरान ही प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स निधि योजना लागू की गई। परंतु अधिनियम के पारित होने के 8 साल के बाद भी वेंडर्स के जीवन व रोजगार की सुरक्षा में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। बल्कि कहे तो स्थिति और भी वक्त से बदतर हुई है।
अधिनियम व योजना के प्रावधानों के प्रति घोर प्रशासनिक अवहेलना के मामले सामने नजर आ रहे हैं। सर्वेक्षण में देरी सर्टिफिकेट ऑफ बिल्डिंग अथवा अनुशंसा पत्र जारी नहीं करना एवं जारी करने के बाद भी उसे सम्मान नहीं देने की घटना आम है।
पुलिस एवं नगर निकाय द्वारा अधिनियम के द्वारा धारा 3.3 का उल्लंघन कर, वेडिंग जोन में पुनः स्थापित किए बिना एवं बिना कोई सूचना के नियमित बेदखली के एवं जुर्माना की वजह से वेंडर्स प्रताड़ित हैं। स्वनिधि योजना के लाभार्थी बैंक का लोन चुकता करने में असमर्थ हैं।
मानवाधिकार दिवस के अवसर पर वेंडर्स ने सरकार से निम्नलिखित प्रमुख मांग की हैः-
- अतिक्रमण को परिभाषित किया जाए एवं वेंडर्स को स्ट्रीट वेडिंग अधिनियम के आलोक में वेंडर्स को अतिक्रमण की इस परिधि से बाहर किया जाए।
- सर्वेक्षित सभी स्ट्रीट वेंडर्स को विक्रय प्रमाण पत्र दिया जाए और वेंडर्स को किसी भी कीमत पर परेशान अथवा उत्पीड़न प्रताड़ित न किया जाए।
- वेंडिंग जोन को जल्द से जल्द चिन्हित कर टाउन वेंडिंग समिति जिसे (टीवीसी) द्वारा अनुमोदित एवं सर्टिफिकेट ऑफ वेडिंग प्राप्त सभी वेंडर को वेडिंग जोन में जगह दी जाए।
- प्रत्येक नगर निकाय में निर्वाचित टाउन वेडिंग कमेटी (टीवीसी) का गठन कर समिति की नियमित बैठकों को किया जाए बैठकों के कार्यवृत को स्ट्रीट वेंडर्स के सदस्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए।
- नगर पालिका द्वारा वेंडरों की सूची पुलिस के साथ साझा की जाए ताकि पुलिस उत्पीड़न बंद हो शहरी विकास पर संसदीय स्थाई समिति के निर्णय पर सचिव दिनांक 18 मई 2021 सभी के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया है राज्य स्थानीय पुलिस स्टेशनों के साथ क्षेत्र में चयनित पथ विक्रेताओं की सूची साझा करें ताकि स्ट्रीट वेंडर्स के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं ना हो।
- स्ट्रीट स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 के क्रियान्वयन का सोशल ऑडिट सुनिश्चित किया जाए।
- स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट पर सभी सरकारी अधिकारियों और नगर निगम की टीम को प्रशिक्षित किया जाए।
- पीएम निधि योजना के तहत ऋण निष्पादन की प्रक्रिया को तेज करेंं।
पटना से संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट