बेगूसराय : जहां समूचे भारत में कोरोना कहर के प्रकोप से बचने के लिए आमलोग अपने-अपने घरों में दुबके हैं. वहीं सुदूर गांव-देहात के लोग भी इसके संक्रमण से बचने के लिए एड़ी-चोटी एक कर दिया है. कोरोना इफेक्ट के प्रति सक्रियता दिखाते हुए बेगूसराय व समस्तीपुर के सीमा पर बसे गांव रसीदपुर में परदेश से लौटे 18 लोगों को गांव में प्रवेश पर रोक लगा दिया है.

यह वाक्या उस समय हुआ जब मंगलवार की देर रात कलकत्ता से लौटे 18 लोगों से भरा ट्रक गांव के चौक पर रूकी. आसपास बसे सजग ग्रामीणों के कान खड़े हो गए. कुछ लोग जब बाहर निकल कर देखा तो बहुत सारे परदेशी को लौटा देख परदेसियों वहीं रूकने कहा. इसपर पहले तो कुछ देर तक परदेसियों व ग्रामीणों के बीच कुछ देर तक कहासुनी होती रही. इन्हीं कहासुनी की शोरशराबे को सुन अन्य ग्रामीण भी इकट्ठे हो गए. गांव में प्रवेश पर रोक लगा दिया.


तत्पश्चात प्रशासनिक अधिकारियों को संदिग्ध परदेसियों के आने की सूचना दी. मगर अधिकारियों नें सुबह होने पर जांच पड़ताल की बाद कहकर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखायी. इसके बाद भी ग्रामीणों नें हार नहीं मानी. संक्रमण के प्रति जागरूकता दिखाते हुए उक्त कुल 18 परदेसियों को प्राथमिक विद्यालय चकदिलार में तत्काल शिफ्ट कर दिया है. जहां ग्रामीण स्तर पर रहन-सहन व भोजन की व्यवस्था की जा रही है.


हालांकि संदिग्ध परदेसियों के लिए प्रशासनिक तौर पर प्रखंड मुख्यालय स्थित आदर्श मध्य विद्यालय नारेपुर को आइसोलेशन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है. मगर ग्रामीणों के सजगता से स्वस्थापित आइसोलेशन सेंटर के आगे प्रशासनिक तैयारी फिका साबित हो रहा है.

जीवेश तरुण की रिपोर्ट