एक तरफ बिहार कोरोना की लड़ाई लड़ ही नही पाया तब तक बिहार में एक नई आफत ने लोगों को घर से बेघर कर दिया है ये कोई वायरस नही ये हर साल आने वाली बाढ़ है जिसके कारण पूर्वी चंपारण के सभी प्रखंडों से लेकर सभी गांवों में बाढ़ के पानी ने अपना कब्जा जमा लिया है और लोगों को मजबूरन अपना बना बनाया। आशियाना छोड़ रोड पर आसरा देना पड़ रहा है फिर भी पांच दिनों से आई बाढ़ के पानी से लोगों को निजात नही मिली लोगों ने सरकार और अधिकारियों से जो उम्मीद लगाई थी वो जमीनी स्तर पर दिख नही रही है। मजबूर होकर लोगों द्वारा किसी अधिकारी या प्रतिनिधियों का घेराव करना पड़ रहा है।
सुगौली प्रखण्ड में बाढ़ से बेहाल उत्तरी छपरा बहास , दक्षिणी छपरा बहास, दक्षिणी मनसिंघा, पंचायत के लक्ष्मीपुर नयका टोला, चिकनौटा, मधुमालती, भवानीपुर, सपहा, मेहवा और नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों से आये करीब चार सौ की संख्या में महिला-पुरुषों ने प्रखंड कार्यालय पहुंच जम कर हंगामा किया और जिला मुख्यालय से आये अधिकारी सुमन कुमार और अंचलाधिकारी बद्री ठाकुर का घेराव किया।
लोगों ने अब तक उचित राहत नही मिलने और प्रखंड मुख्यालय परिसर में राहत वितरण किये जाने की बात पर अपना आक्रोश जाहिर किया। बाढ़ से परेशान लोगों ने बताया कि हम लोग सप्ताह भर से बाढ़ के पानी में घिरे हुए है। जैसे-तैसे जान बची हुई है। घर, खेत और रास्ते सब बाढ़ में डूबे हुए है। अधिकारी कुछ भी नही कर रहे है। सर छुपाने के लिए प्लास्टिक और राशन की तत्काल आवश्यकता है और अधिकारी कहते है कि राहत के लिए प्रखंड कार्यालय आइए। प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों से आये सामाजिक, राजनैतिक और जन प्रतिनिधियों में प्रदीप सर्राफ,वार्ड पार्षद योगेंद्र पूरी,मो तालिब, मो साबिर ,मो नेसार,विकाश शर्मा,मो बच्चू उर्फ लाल बाबू मियां, संजय पांडेय ,गंगा राम,शमीम अहमद,उदय राय ने एडीएम सुमन कुमार और अंचलाधिकारी बद्री ठाकुर से अपनी बात कही।