द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार चुनाव को लेकर गुरुवार को पूर्णिया के धमदाहा में सीएम नीतीश की सभा थी. जिसमें उन्होंने इस बात का एलान कर दिया था कि यह उनका अंतिम चुनाव है. इस बात को लेकर गुरुवार से ही बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. विपक्ष उनके इस बयान को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहा है तो वहीं जदयू ने इस बात का सही मतलब बताया है.
नीतीश कुमार ने भरी सभा में कहा था कि यह उनका अंतिम चुनाव है, अंत भला तो सब भला. जिसका मतलब विपक्षी ने यह समझ लिया कि नीतीश कुमार ने राजनीति से ही संन्यास ले लिया है. जबकि जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इस बात को गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि राजनीति करने वाला और समाज सेवा करने वाला कभी ‘रिटायर’ नहीं होता.
दरअसल, वशिष्ठ नारायण ने तेजस्वी यादव की उस बात का जवाब दिया है जिसमें वह यह कहते रहते थे कि नीतीश कुमार थक चुके हैं, उनको रिटायर हो जाना चाहिए. लेकिन वशिष्ठ नारायण ने इस बात का जवाब देते हुए कहा कि ये दोनों गलत है. नीतीश जी के व्यक्तव्य का ऐसा कोई मतलब नहीं था. उनका ऐसा कोई आशय नहीं था और इसमें जो भी अर्थ निकाल रहे हैं, अपने मन से अर्थ निकाल रहे हैं. वह अंतिम चुनावी सभा थी. वे स्वयं तो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. स्वयं चुनाव लड़ते और इस तरह का कोई व्यक्तव्य देते तो उसकी व्याख्या हो सकती थी. वह तो उम्मीदवार के प्रचार के लिए गए थे. अंतिम चुनावी सभा थी तो उस संदर्भ में यह कह ही सकते हैं, जो उन्होंने कहा. अब ये लोग खुश हैं तो उनकी मर्जी है.’