भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा है कि पूर्व मुख्य मंत्री और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने भी एक अखबार के इंटरव्यू में उन्हें आईना दिखाया महागठबंधन में भाव नहीं और एनडीए में नो इंट्री का साया।
अरविंद सिंह ने आज यहां कहा कि जिस उम्मीद से मांझी जी महागठबंधन में गए थे, वह पूरी होती नहीं दिख रही है। नेता बनने की बात तो दूर रही, उनकी बात को भी महागठबंधन में तबज्जो नहीं दी जा रही है। हर बार का दिया इनका अल्टीमेटम भी बेकार गया। वैसे मांझी जी इधर-उधर ताक झांक कर रहे हैं लेकिन कहीं उम्मीद की किरण नहीं दिख रही है। बार-बार दल और नेता के प्रति निष्ठा बदलने के कारण राजनीति में अपनी विश्वसनीयता भी मांझी जी ने खो दी है।
महागठबंधन के सारे दल के सुप्रीम नेताओं ने जीतन राम मांझी जी को बार-बार उनके हैसियत और आईना को दिखाने का काम किया है। उन्होने कहा है कि वक्त का तकाजा है कि जीतनराम जी अपनी खोई राजनीतिक साख को बचाने के लिए एक ही नेता को चुने चाहे वह एनडीए का हो या महागठबंधन का। दो नाव पर पांव रखने से वे न घर के रहेंगे और न घाट के।