PATNA: पटना हाई कोर्ट द्वारा नगर निकाय चुनाव के फैसले पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी जताई है। उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार में चल रहे नगर निकायों के चुनाव में अतिपिछड़ा आरक्षण को रद्द करने एवं तत्काल चुनाव रोकने का उच्च न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा निर्णय केन्द्र सरकार और भाजपा की गहरी साज़िश का परिणाम है। अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने समय पर जातीय जनगणना करावाकर आवश्यक संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली होती तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती।
आपको बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने आज बिहार नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला सुनााया है।पटना हाईकोर्ट ने बिहार के स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर आज निर्णय सुना दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं पूरी नही कर लेती।
हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि इस स्थानीय निकाय के चुनाव में इन पदों के आरक्षण नहीं होने पर इन्हें सामान्य सीट के रूप में अधिसूचित कर चुनाव कराए जाएंगे। चीफ जस्टिस संजय क़रोल एवं संजय कुमार की खंडपीठ ने सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया है। जिसके बाद से राजनीतिक बयानों का सिलसिल भी शुरू हो गया है।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट