नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले छह दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जमे हुए हैं. इस बीच आज किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही. किसानों और सरकार के नुमाइंदों के कमेटी के प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया. परसों एक बार फिर किसान और सरकार के बीच बातचीत होगी. इस बैठक में किसानों की ओर से अलग अलग संगठनों के 35 नेता शामिल हुए. वहीं सरकार की ओऱ से तीन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोमप्रकाश शामिल हुए.

नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक बेनतीजा रही. अब परसों एक बार फिर किसान नेता और सरकार के बीच बैठक होगी. बैठक से बाहर आए दो किसान नेताओं ने कहा कि उन्होंने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और इसलिए बाहर आ गए हैं. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेता बात करें आंदोलन खत्म करें.

किसान नेताओं ने कमेटी के मुद्दे पर कहा है कि, कमेटी बना लीजिए आप एक्स्पर्ट भी बुला लीजिए, हम तो ख़ुद एक्स्पर्ट हैं ही, लेकिन आप ये कि हम धरने से हट जाए ये सम्भव नहीं है. अभी इस पर और चर्चा होनी है. किसानों को कमिटी पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनका कहना है कि जबतक कमिटी कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती , उनका आंदोलन जारी रहेगा.

किसानों के साथ चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एक समिति बना देते हैं, आप अपने संगठन से चार-पांच नाम दीजिए. इस समिति में सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे. यह सभी लोग नए कानून पर चर्चा करेंगे. इसके बाद देखेंगे कि कहां गलती है और आगे क्या करना है. सरकार ने किसानों से कहा कि आप अपने संगठनों से चार-पांच लोगों के नाम दें और एक समिति का गठन किया जाए जिसमें कृषि बिलों पर चर्चा करने के लिए सरकार के प्रतिनिधी और कृषि विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.
