कोरोना वायरस की इस महामारी की घड़ी में जहा लोगो के पास खाने को लाने पड़े हुए है वही एक अच्छी खबर ये है कि गावँ के जनप्रतिनिधियों ने इस भूख से लड़ने के लिए कमर कस लिया है । और ऐसे लोगो के लिए सहायता के लिए आगे आ रहे है । ऐसा ही कुछ देखने को मिला बेगुसराय के छौराही प्रखंड के एजनी पंचायत में जहा सरकारी दावे की हर तरफ से पोल खुलती दिख रही है वही स्थानीय मुखिया के द्वारा दिल्ली पंजाब कोलकाता से और दूसरे शहरों से पैदल आए मजदूरों के रहने और खाने की बेहतर सुविधा मुहैया करायी गयी है बेगूसराय के गांव में दिल्ली कोलकाता पंजाब और दूसरे शहरों में जाकर मजदूरी करने वाले मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है । यह वह मजदूर है जो लॉक डाउन के दौरान पैदल , ठेला , साइकिल से अपने अपने गांव पहुंचे हैं । पर हालात को देखते हुए गांव वालों ने उन्हें गांव से बाहर ही कॉलेज में बने आइसोलेशन वार्ड में रखा है । । प्रखंड के एजमी पंचायत में ऐसे ही 40 मजदूर अपने गांव पहुंचे हैं जिनका दर्द देखते ही बनता है इनका कहना है कि वो पैदल और ठेला से दिल्ली और दूसरे जगह से गावँ आये है पर यह कि व्यवस्था से हो खासे नाराज नजर आ रहे हैं, इन मजदूरों की शिकायत है कि दिल्ली सरकार की ओर से उन्हें पीने तक का पानी मुहैया भी नही कराया गया ।

वही खास बात यह रही कि गांव के मुखिया ने इन मजदूरों के रहने खाने और अन्य सुविधाएं मुहैया कराकर एक बेहतर जनप्रतिनिधि होने की भूमिका निभाई है । मजदूरों की सहायता के लिए आगे आने वाले मुखिया का कहना है कि सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधा की जो व्यवस्था की गई है उसे को संतुष्ट नहीं है । मुखिया यादव लक्ष्मी यादव का आरोप है कि स्थानीय चिकित्सा पदाधिकारी मरीजों की देखरेख में तवज्जो दे रहे हैं वही इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी का कहना है कि मजदूरों की जांच कर ली गई है पर मजदूर कोरोना वायरस के जांच स्थानीय स्तर पर मशीन से करने की मांग कर रहे हैं जो संभव नहीं है ।

लाने की मांग कर रहे हैं जो संभव नहीं है कुल मिलाकर बिपदा की इस घड़ी में मुखिया की कार्यों की जहा हर तरफ जहां सराहना हो रही है वहीं सरकारी व्यवस्था पर लोग सवाल भी खड़ा कर रहे हैं अब देखना है कि ऐसी खबर सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन कितना सजग हो पाता है.

जीवेश तरुण की रिपोर्ट