ROHTAS : बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम में बदहाल शिक्षा व्यवस्था का एक जीता जागता नमूना सामने आया है। ऐसा तब है जब रोहतास जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट सासाराम सहित अन्य कई जगहों पर क्रैश कोर्स के अलावा बेहतर शिक्षा के लिए ड्रीमर्स एंड मोटिवेटर्स मीट का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, प्रधानाचार्य ने रोहतास महिला कॉलेज के मेन गेट पर ताला जड़ दिया है।
दरअसल, मामला जिला मुख्यालय सासाराम स्थित रोहतास महिला कॉलेज का है। जिसे बिना किसी आधिकारिक आदेश के ही बंद कर दिया गया है। बता दें कि, अभी इंटरमीडिएट परीक्षा फॉर्म के लिए लगातार छात्राओं का कॉलेज परिसर में जमावड़ा लग रहा है. ऐसे में बिना किसी आधिकारिक आदेश के कॉलेज के बंद होने से सैकड़ों छात्राएं महाविद्यालय के गेट से ही बैरंग घर लौट रही हैं। हालांकि, कॉलेज के मुख्य द्वार पर एक आवश्यक सूचना भी लगाई गई है। जिस पर लिखा गया है कि शिक्षकों के विशेष अनुरोध पर 1 दिन के लिए महाविद्यालय बंद रहेगा।
जिससे सवाल उठना लाजमी है कि क्या वाकई में किसी शिक्षण संस्थान को किसी व्यक्ति विशेष के अनुरोध पर बंद किया जा सकता है। वहीं, इस मामले को लेकर जब मुख्य द्वार पर बैठे महाविद्यालय के गार्ड से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के प्राचार्य के घर में शादी है जिसके कारण कॉलेज बंद है। गौरतलब हो कि, महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण पर सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लगातार ढोल पीटा जा रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
इस मामले को लेकर जब छात्राओं से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, वह परीक्षा फार्म भरने के लिए कॉलेज आई हुई थी. लेकिन कॉलेज के मेन गेट पर ताला जड़े रहने से होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, पूरे मामले पर जन अधिकार मोर्चा के संयोजक शंकर सिंह कुशवाहा ने कॉलेज प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान को व्यक्तिगत कार्य हेतु बंद किया जाना शिक्षा के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करता है। जबकि, महाविद्यालय के प्राचार्य सुधीर कुमार सिंह से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने घर में शादी होने की बात बताई।
रोहतास से अमित कुमार की रिपोर्ट