रांची : झारखंड सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और झारखंड आंदोलनकारी हाजी हुसैन अंसारी के आकस्मिक निधन पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस कार्यालय में भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की. कांग्रेस जनों ने सर्वप्रथम हाजी हुसैन अंसारी के चित्र पर माल्यार्पण किया एवं दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी एवं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना किया.
अपने शोक संदेश में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री झारखंड सरकार हाजी हुसैन अंसारी के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना एवं दुख प्रकट करते हुए कहा है कि परमात्मा हाजी साहब की आत्मा को शांति दें एवं परिवार को दुख सहने की शक्ति.हाजी हुसैन अंसारी सरल स्वभाव और दृढ़ निश्चय वाले जन नेता थे.
शिबू सोरेन के अंतरग मित्रों में से एक और झारखंड आंदोलन के प्रमुख योद्धा हाजी हुसैन अंसारी ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी. नब्बे के दशक में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामा और मधुपुर से लगातार चुनाव जीतते रहे. 2004 में प्रतिपक्ष के नेता के रूप में भी उन्होंने अपने विशिष्ट योग्यता साबित की. प्रदेश ने एक महान शख्सियत को खो दिया है, व्यक्तिगत रूप में उनके निधन से मुझे गहरा सदमा लगा है. आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीति में एक सुन्यता कायम रहेगी, उनकी कमी पूरी करना शायद नामुमकिन होगा.
कांग्रेस विधायक दल नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि एक बड़े भाई के रूप में मैंने अपना बहुत कुछ खो दिया है. विधायक या मंत्री उनके लिए बहुत छोटे शब्द है. संथाल परगना सहित पूरे राज्य में उनका सरल स्वभाव, मृदुभाषी और शांत व्यवहार हमेशा याद किया जाता रहेगा. अलग राज्य के आंदोलन में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिशोम गुरु के साथ एक सहभागी की जिम्मेदारी का निर्वहन किया. व्यक्तिगत रूप में उनके निधन से मुझे अपूरणीय क्षति हुई है.
कांग्रेस भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि करीब तीन दशक से अधिक समय से राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हाजी हुसैन अंसारी के निधन से पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति हुई है. उनकी सादगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह हर मिलने वाले लोगों के लिए सहज उपलब्ध हुआ करते थे. उनका निधन हर झारखंडवासियों के लिए और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए भी नुकसानदेह साबित हुआ है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा की हाजी साहब से आत्मीय और व्यक्तिगत संबंध रहे हैं. सदैव उनका सानिध्य प्राप्त होता रहा था. एक अभिभावक के रूप में हमने एक महान शख्सियत को खो दिया है. उनका इस प्रकार जाना बेहद दुखद है और इस घटना ने पूरे झारखंडवासियों को झकझोर कर रख दिया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि हाजी हुसैन अंसारी एक क्षेत्र विशेष के नेता नहीं बल्कि राज्य के सभी क्षेत्रों में उनके चाहने वालों की कोई कमी नहीं थी. उनके निधन से निकट भविष्य में भरपाई संभव नहीं है.
प्रोफेशनल कांग्रेस अध्यक्ष आदित्य विक्रम जयसवाल ने कहा कि अपने जीवन काल में हाजी अंसारी ने किसी से भेदभाव किए बगैर हर जरूरतमंद व्यक्ति की मदद की थी, उनकी सादगी और लोकप्रियता के कारण उनके प्रतिद्वंदी भी उनका सम्मान करते थे. उस जैसे महान नेता का असमय जाना काफी दुखद और निराशाजनक है. श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में मुख्य रुप से फिरोज रिजवी मुन्ना,विभय शाहदेव, जितेंद्र त्रिवेदी, देवजीत देवघरिया, केदार पासवान, सोनी नायक, कुमुद रंजन, अमरजीत सिंह, गौरव आऩ्नद, आशिफ जियाउल, पुनित कुमार और गोपाल पांडेय शामिल थे.
गौरी रानी की रिपोर्ट