नई दिल्ली : करीब आठ वर्षों के बाद जाकर अब भारत और नेपाल के बीच बंद पड़ी रेल सेवा शुरू हो गई. आज शनिवार को दोपहर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा दिल्ली के हैदराबाद हाउस से इसका उद्घाटन किया. पहली जोड़ी ट्रेन दिन के 12.30 बजे जयनगर से नेपाल के जनकपुर के बीच चलेगी. हालांकि यात्रियों को तीन मार्च से सुविधा मिलेगी.
स्टेशन, ट्रेन और इंजन को फूलों से सजाया गया
परिचालन को लेकर जयनगर के नेपाली रेलवे स्टेशन परिसर के साथ-साथ आसपास भी रंग रोगन का कार्य किया जा चुका हैं. स्टेशन, ट्रेन के अलावा पायलट इंजन को फूलों से सजाया गया है. वहीं स्टेशन परिसर पर रेलवे पुलिस फोर्स और एसएसबी की तैनाती की गई है. कुछ दिन पहले ही डीआरएम ने स्टेशन परिसर, रेलवे ट्रैक, प्लेटफॉर्म और परिसर के आसपास के क्षेत्रों का बारीकी से निरीक्षण किया था. यात्रियों की सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर जानकारी भी ली थी.
आपको बता दें कि दो अप्रैल को ट्रेन परिचालन को लेकर दोनों देश के पीएम के द्वारा ट्रेन परिचालन का उद्घाटन रिमोट द्वारा दिल्ली से होना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिमोट से दोनों देशों के बीच इस ट्रेन सेवा का उद्घाटन करेंगे. उद्घाटन के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री भी उपस्थित रहेंगे. सोशल मीडिया के माध्यम से उद्घाटन के सजीव प्रसारण की भी व्यवस्था की गई है.
34.9 किलोमीटर में 07 स्टेशन और 05 हॉल्ट
जयनगर-वर्दीवास रेलखंड पर तीन चरण में रेल परिचालन शुरू होने की संभावना है. रेलवे सूत्रों की मानें मुताबिक प्रथम फेज में जयनगर से जनकपुर कुर्था संभावित है. दूसरे चरण में कुर्था से विजलपुरा और तीसरे चरण में विजलपुरा से वर्दीवास के बीच रेल परिचालन संभावित है. आपको बता दें कि जयनगर से जनकपुर कुर्था 34.9 किलोमीटर तक 07 स्टेशन और 05 हॉल्ट हैं. दोनों स्टेशनों के बीच एक दिन में दो जोड़ी ट्रेनें दो फेरे लगाएंगी. इससे पूर्व ट्रैक पर स्पीड ट्रायल भी हो चुका है. उल्लेखनीय है कि नैरोगेज को ब्रॉडगेज में बदलने और विस्तारीकरण को लेकर दोनों देशों के बीच 2014 से ट्रेन सेवा बंद है. 2011 में भारतीय क्षेत्र में और 2013-14 में नेपाली क्षेत्र में रेलखंड के लिए टेंडर हुआ था जिसमें रेलखंड के काम का टेंडर इरकॉन को मिला था.
वहीं भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतरिम व्यापार समझौता हस्ताक्षर शुरू हो गया है. इस हस्ताक्षर के साथ ही कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी समेत 6,000 से ज्यादा व्यापक क्षेत्रों के भारतीय निर्यातकों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में तुरंत शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी.
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर वर्चुअल हस्ताक्षर समारोह में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया नेचुरल पार्टनर हैं, जो लोकतंत्र, कानून के शासन और पारदर्शिता के साझा मूल्यों से जुड़े हैं. दो भाइयों की तरह इन दो राष्ट्रों ने भी महामारी में एक-दूसरे का सहयोग किया है. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये रिश्ते भारत-ऑस्ट्रेलिया मित्रता का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, ये समझौता हमारे बीच छात्रों, प्रोफेशनल और पर्यटकों का आदान-प्रदान आसान बनाएगा. जिससे ये संबंध और मजबूत होंगे.
द्विपक्षीय रिश्तों के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक क्षण
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के रिश्ते पर बात करते हुए कहा कि इतने कम समय में इतने महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति बनना दिखाता है कि दोनों देशों के बीच कितना आपसी विश्वास है. ये हमारे द्विपक्षीय रिश्तों के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के ये रिश्ते मित्रत्रा का स्तंभ है. ये एग्रीमेंट हमारे बीच स्टूडेंट, प्रोफेसनल्स और पर्यटकों का आदान-प्रदान आसान बनाएगा. जिससे ये संबंध और मजबूत होंगे.
भारतीय निर्यातकों के लिए कई वस्तुएं शून्य आयात शुल्क पर उपलब्ध होंगी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शनिवार को आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए. अब केंद्रीय मंत्रिमंडल और ऑस्ट्रेलिया की संसद से मंजूरी मिलने के बाद यह समझौता पारस्परिक रूप से सहमत तारीख पर लागू होगा. सूत्रों ने कहा कि अंतरिम समझौते के लागू होने के पहले ही दिन भारतीय निर्यातकों के लिए कई वस्तुएं शून्य आयात शुल्क पर उपलब्ध होंगी.
उसने कहा कि ऑस्ट्रेलिया पहले दिन से निर्यात के लगभग 96.4 प्रतिशत मूल्य पर भारत को शून्य शुल्क की पेशकश कर रहा है. इसमें ऐसे कई उत्पाद शामिल हैं, जिन पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है. वहीं दूसरी तरफ भारत, ऑस्ट्रेलिया के लिए अपनी 70 प्रतिशत से ज्यादा ‘टैरिफ लाइन’ में शून्य शुल्क की पेशकश करेगा. इसमें कोयले जैसे उत्पाद शामिल होंगे. ऑस्ट्रेलिया से लगभग 74 प्रतिशत आयात कोयले का होता है और वर्तमान में इस पर 2.5 प्रतिशत शुल्क लगता है.