द एचडी न्यूज डेस्क : लॉकडाउन में मजदूरों की बेबसी के अलावा दूसरी सबसे डराने वाली खबरें जो सामने आती रही हैं वह है सरकार के लापरवाही की. केंद्र से लेकर राज्य सरकारें इस दौरान अपनी बदइंतजामी को लेकर जनता के रडार पर रही है. सबसे बुरा हाल केंद्र की मोदी सरकार का रहा है. क्योंकि मजदूरों की घर वापसी पर मोदी सरकार ने जो प्रबंध किए वो अब जनता के लिए जानलेवा साबित हुए हैं. देश के अलग अलग इलाकों से मजदूरों को लेकर चली श्रमिक ट्रेनें हर दिन विवादो का नया विश्व रिकॉर्ड बना रही है. बिना किसी सुविधा श्रमिक ट्रेनें यात्रियों को लेकर निकल तो रही है पर अपने गंत्वय तक पहुंचते पहुंतते मोदी सरकार की पोल खोल दे रही है.
पिछले 10 दिनों में 40 से अधिक श्रमिक ट्रेनें अपने तय रुट से भटक चुकी है. ट्रेन में भोजन पाने नहीं मिलने की वजह से देशभर में लगभग सौ से अधिक यात्री भूख-प्यास की वजह से रेल सफर के दौरान दम तोड़ चुके हैं. अब ताजा मामला और भी चौंकाने वाला सामने आअया है. बताया जा रहा है कि अंबाला से बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए मजदूरों को लेकर निकली एक ट्रेन पिछले 5 दिनों से लापता है. दरअसल, अंबाला से मुजफ्फरपुर के लिए मजदूरों को लेकर एक विशेष ट्रेन 25 मई को रवाना हुई थी जिसे 27 मई को मुजफ्फरपुर पहुंचना था. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अब ट्रेन लापता बताई जा रही है.
मीडिया की खबरों के मुताबिक ट्रेन के बारे में न तो बिहार सरकार को कोई जानकारी है और न ही रेल विभाग को. इस बारे में रेलवे का कहना है कि मामले की तहकीकात की जा रही है, ऐसे हालात में अब सवाल उठ रहे हैं कि 25 मई को निकली ट्रेन रास्ते में कहां और कैसे लापता हो गई, इस बात को सोचकर भी डर लगता है कि पिछले 5 दिनों में भूख-प्यास से उस ट्रेन में बैठे यात्रियों का क्या हाल हुआ होगा, इससे भी ज्यादा शर्मनाक और हैरान करने वाली बात यह है कि ट्रेन के बारे में रेलवे को भी कुछ पता नहीं है.