टोक्यो : 41 साल बाद भारत को आज एक बड़ी खुशखबरी मिली है. टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता. भारतीय टीम 1980 में हॉकी में गोल्ड मेडल जीता था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, राहुल गांधी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक सहित तमाम पार्टी के नेता और हर जगत के लोग उन्हें बधाई दी है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारी पुरुष हॉकी टीम को 41 साल बाद हॉकी में ओलंपिक पदक जीतने के लिए बधाई. ये ऐतिहासिक जीत हॉकी में एक नए युग की शुरुआत करेगी और युवाओं को खेल में आगे बढ़ने और उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करेगा.
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने ट्वीट में लिखा कि चार दशक बाद, टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी में देश के लिए कांस्य पदक जीतने पर भारतीय हॉकी टीम को हार्दिक बधाई. मुश्किल वैश्विक परिस्थियों में भी आपने कठिन परिश्रम किया, प्रशिक्षण लिया. आपके कुशल और जुझारू खेल पर देश को गौरव है. मेरी हार्दिक शुभकामनाएं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम को बधाई देते हुए ट्वीट में लिखा कि ऐतिहासिक! एक ऐसा दिन, जो हर भारत की इतिहास में अंकित होगा. कांस्य पदक जीतने के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई. इस उपलब्धि के साथ, उन्होंने पूरे देश, खासकर हमारे युवाओं की कल्पना पर कब्जा कर लिया है. भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट में लिखा कि बधाई, टीम इंडिया. प्रत्येक भारतीय के लिए बेहद गर्व और खुशी का क्षण है कि हमारी पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता है. आपने पूरे देश को गौरवान्वित किया है. राहुल गांधी ने टीम को बधाई देते हुए लिखा कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बधाई! यह एक बड़ा क्षण है, आपकी उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है. योग्य जीत. वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी ट्वीट कर टोक्यो ओलंपिक 2020 के हॉकी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने पर भारतीय पुरुष हॉकी टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. इस जीत पर हर भारतीय गौरवान्वित है. मेरी कामना है कि टीम प्रगति के शीर्ष पर पहुंचे और भारत का नाम रौशन करते रहे.
भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जर्मनी को 5-4 के अंतर से हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया है. भारत ने 41 साल बाद ओलंपिक में हॉकी का मेडल जीता है. इस से पहले भारत ने वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. भारत के लिए सिमरनजीत सिंह ने दो, हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदर पाल सिंह और हार्दिक सिंह ने एक-एक गोल कर इस मैच में टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.
मौजूदा वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे स्थान पर मौजूद भारत ने इस मुकाबले में खराब शुरुआत की और जर्मनी ने मैच के पहले मिनट में ही गोल कर 0-1 बढ़त बना ली. जर्मनी की ओर से तिमुर ओरुज ने ये गोल किया. भारत को पांचवे मिनट में वापसी का मौका मिला लेकिन रुपिंदर पाल सिंह पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने में नाकाम रहे. पहले क्वॉर्टर खत्म होने के बाद भारत पर जर्मनी ने 0-1 की बढ़त बनाए रखी. हालांकि भारत के गोलकीपर श्रीजेश ने इस क्वॉर्टर में कुछ शानदार बचाव किए.
दूसरे क्वॉर्टर में टीम इंडिया ने की वापसी
भारत ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में शानदार वापसी की और 17वें मिनट में सिमरनजीत सिंह के शानदार फील्ड गोल की बदौलत मैच का स्कोर 1-1 से बराबरी पर ला दिया. इसके बाद जर्मनी ने लगातार भारतीय रक्षापंक्ति पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और दो मिनट के अंतराल में दो गोल दागकर भारत पर 1-3 की बढ़त बना ली. जर्मनी के लिए निकलस वेल्लेन ने पहले शानदार फील्ड गोल किया और उसके बाद बेनेडिक्ट फर्क ने ये गोल किए.
हार्दिक सिंह ने इस मैच में भारत की वापसी कराई और 26वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर 2-3 कर दिया. हरमनप्रीत सिंह की ड्रैग फ्लिक को जर्मनी के गोलकीपर ने रोका लेकिन हार्दिक सिंह ने फिर रिबाउंड पर गोल दागा. इसके बाद भारत ने एक बार फिर शानदार वापसी की और जर्मनी की रक्षापंक्ति पर लगातार दबाव बनाए रखा. 28वें मिनट में उसे एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला इस बार हरमनप्रीत सिंह की ड्रैग फ्लिक ने भारत को 3-3 से बराबरी पर ला दिया.
तीसरे क्वॉर्टर में जर्मनी पर हावी रही टीम इंडिया
तीसरे क्वॉर्टर में भारत इस मैच में पूरी तरह से हावी हो गया जर्मनी पर बढ़त बना ली. भारत ने इस क्वॉर्टर में दो गोल दागे. भारत के लिए चौथा गोल रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में किया. रुपिंदर पाल सिंह ने पेनल्टी स्ट्रोक पर ये गोल कर टीम को 4-3 से आगे कर दिया. इसके तीन मिनट बाद ही 34वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने एक शानदार फील्ड गोल कर भारत को इस मैच में 5-3 की बढ़त दिला दी.
चौथे क्वॉर्टर में जर्मनी ने की वापसी
चौथे क्वॉर्टर की शुरुआत से ही जर्मनी ने अटैकिंग हॉकी खेलकर भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. जर्मनी ने चौथा गोल कर इस मैच को 5-4 के स्कोर के साथ एक बार फिर रोमांचक मोड़ पर ला दिया.
1980 के मॉस्को ओलंपिक में जीता था आखिरी मेडल
हॉकी में भारत ने अपना आखिरी मेडल 1980 के मॉस्को में ओलंपिक में जीता था. उस साल कप्तान वासुदेवन भास्करन की अगुवाई में भारत ने गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था. उसके बाद से अब तक का भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में आया था. जहां पुरुष हॉकी टीम पांचवें स्थान पर रही थी. अब इस जीत के साथ ही 41 साल बाद भारत ने ओलंपिक हॉकी में अपने पदक का सूखा समाप्त कर लिया है.