द एचडी न्यूज डेस्क : देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. ये सभी के बीच आज चंद्र ग्रहण लगने वाला है. आज जो ग्रहण लग रहा है, यह ग्रहण इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा. पहला चंद्र ग्रहण जनवरी में लगा था. इस बार का चंद्र ग्रहण सामान्य से अलग लगने जा रहा है.
ग्रहण मध्य रात्रि 11 बजकर 16 मिनट से रात 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इसे पूरे भारत में देखा जा सकता है. इस दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में होंगे. इसे शास्त्रों के अनुसार 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण सामान्य चंद्र ग्रहण से अलग रहेगा, इसे उपछाया ग्रहण कहते है. ज्योतिष की माने तो इस ग्रहण का असर लोगों के जीवन पर पड़ने वाला है.
आज चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा. इसका प्रभाव बहुत कम पड़ता है. यह चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा. इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य नहीं होगा. चंद्र ग्रहण के 09 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. वहीं, 21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा. सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में लग रहा है. मिथुन राशि में लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाएगा. ग्रहण के दौरान छह ग्रह वक्री रहेंगे. इसके चलते अनेक प्राकृतिक आपदाएं आने की संभावना है. सूर्य ग्रहण के दौरान 6 ग्रह उल्टी चाल चल रहे होंगे. इसलिए सूर्य ग्रहण कोरोना काल में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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द्रग्रहण के दौरान कई कार्य वर्जित होते हैं. इन कार्यों को करने में इसलिए मनाही होती है, क्योंकि इससे हमारे जीवन में दुष्प्रभाव पड़ते हैं. चंद्रग्रहण के दौरान बहुत से कार्य वर्जित रहते हैं, जैसे चंद्रग्रहण काल के समय भोजन करना वर्जित होता है. ग्रहण के दिन फल, फूल, लकड़ी पत्ते आदि तोड़ने को मना किया जाता है. ग्रहण के दौरान तुलसी पौधा नहीं छूते हैं, इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय विशेष ध्यान रखना होता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए. चंद्र ग्रहण देखने से शिशु पर दुष्प्रभाव पड़ता हैं. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय कैंची, चाकू, सिलाई, कटाई आदि से कोई वस्तु नहीं काटनी चाहिए. इसके अलावा ग्रहण काल में भोजन करना, जल पीना, केश बनाना, सोना, मंजन करना, वस्त्र नीचोड़ना, ताला खोलना आदि वर्जित होता है.