द एचडी न्यूज डेस्क : हरतालिका तीज व्रत आज यानि 9 सितंबर दिन गुरुवार को रखा गया है. हिंदी पंचांग के अनुसार यह तीज व्रत हर साल भादों के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए निराहार और निर्जला व्रत रखती हैं. और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं, तथा अखंड सौभाग्यवती होने एवं वैवाहिक जीवन में सुख शांति और समृद्धि के लिए आशीर्वाद प्राप्त करती हैं.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इसबार हरतालिका तीज पर 14 साल बाद रवियोग नक्षत्र के कारण बन रहा है. मान्यता है कि इस शुभ संयोग में व्रत और पूजन करने से सुहागिनों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
इस पवन पर्व में ऐसा माना जाता है, सबसे पहले यह व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए रखा था. उन्हीं का अनुसरण करते हुए महिलाएं माता पार्वती और शिवजी जैसा दांपत्य जीवन पाने के लिए यह व्रत करती हैं.
कहा जाता है कि हरतालिका तीज को हिंदू धर्म में सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यह व्रत अत्यंत शुभ फलदायी होता है. इस दिन व्रत करने वाली स्त्रियां सूर्योदय से पूर्व ही उठ जाती हैं और नहा धोकर पूरा श्रृंगार करती हैं. उसके बाद पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी−शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इसके साथ पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है. ये व्रत निर्जला और निराहार रखा जाता है. रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है. इस व्रत में अन्न और जल ग्रहण करना मना होता है. व्रत का पारण अगले दिन यानी चतुर्थी तिथि में किया जाता है.
इसबार हरतालिका तीज व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त पड़ा है 9 सिंतबर दिन गुरुवार को शाम 06 बजकर 10 मिनट से रात 07 बजकर 54 मिनट का समय शुभ है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, यह सर्वार्थ सौभाग्य वृद्धि करने वाला अति शुभ मुहूर्त है. क्यूंकि पूजन के समय आज रवि योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है. इसलिए इसबार हरतालिका तीज बेहद खास है.
स्वप्निल सोनल की रिपोर्ट