द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक के बाद तीन ट्वीट किए हैं. उन्होंने ट्वीट के जरिए कांग्रेस और राजद पर हमला किया है. सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस-राजद के लिए कल्याणकारी कार्यों में खोट निकालना ही ‘जनसेवा’ है.
- देश जब कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन और मजदूरों-गरीबों की अधिकाधिक मदद की तिहरी चुनौतियों से जूझ रहा है, तब कांग्रेस-राजद जैसी वंशवादी पार्टियों के युवराज सरकार के हर कल्याणकारी कदम में खोट निकालने को ही जनसेवा मान रहे हैं. किसी को पीएम केयर्स फंड के प्रति जनता का भरोसा खल रहा है, तो कोई प्रवासी मजदूरों के काम पर लौटने के शुभारम्भ को रिवर्स माइग्रेशन बता रहा है. जिनके राज में बिहार से लाखों लोगों का महापलायन हुआ, लेकिन मजदूरों को रोकने की कोई योजना नहीं बनी, वे आज परम संवेदनशील दिखने का नाटक कर रहे हैं.
- जम्मू-कश्मीर में निर्दोष लोगों को बाढ़ से लेकर आतंकवादी हमलों तक से बचाने में लगी सेना की गलत तस्वीर दुनिया के सामने पेश करने वाले तीन फोटोग्राफरों को पुलित्जर पुरस्कार मिलने की बधाई देकर राहुल गांधी ने फिर साबित किया कि वे टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ है.
उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना से सबूत मांगे और धारा 370 को हटाने का विरोध किया, लेकिन आतंकी सरगना को मार गिराने में सेना को बधाई नहीं दी. कांग्रेस एनडीए सरकार के विरोध और भारत विरोध में फर्क करना भूल गई है.
बिना क्वरेंटाइन, स्क्रीनिंग के गांव आने वालों की प्रशासन को दें सूचना
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पहले दौर की टेली कान्फ्रेंसिंग वार्ता के समापन पर बताया कि विगत 40 दिनों में कोरोना संकट से मुकाबले के लिए 19 अलग-अलग सत्रों में कुल 27 घंटे 38 मिनट तक टेली कान्फ्रेंसिंग के जरिए भाजपा के सांसदों, विघायकों, जिला, मंडल व प्रखंड अध्यक्षों के साथ ही पंचायत स्तर पर शक्ति केन्द्र प्रभारी के रूप में काम करने वाले कुल 11,124 कार्यकर्ताओं से बातचीत की. उनसे प्राप्त सुझावों के आधार पर विभिन्न राहत योजनाओं के कार्यान्वयन व समस्याओं के समाधान की दिशा में सरकार की ओर से पहल की गई.
मोदी ने भाजपा के सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं से अपील की है कि बाहर से आने वाला कोई व्यक्ति अगर बिना क्वरेंटाइन व स्क्रीनिंग के गांव में प्रवेश करे तो वे अविलम्ब मुखिया के माध्यम से स्थानीय प्रशासन को सूचित करें ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
राज्य सरकार ने 7 मई तक 1 करोड़ 86 लाख घरों में संक्रमण के लक्षणों की पहचान का सर्वेक्षण कार्य पूरा लिया है. पूरे राज्य में 3,232 ब्लाॅक क्वरेंटाइन सेंटर सेंटर बनाए गए हैं,जहां बाढ़ राहत शिविर के तर्ज पर सभी को गमछा, मास्क, थाली, कटोरा,मग, तीन समय के भोजन, बच्चों के लिए दूध पावडर, सीसीटीवी कैमरा व चिकित्सा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. क्वरेंटाइन पूरा कर घर जाने वालों को 500 रुपये और जिन्हें किराया लगा है उन्हें किराया के साथ न्यूनतम एक हजार रुपये देने का सरकार ने निर्णय लिया है.
उन्होंने बताया कि शुरुआत में विदेशों से आए लोगों और बाद के दिनों में तब्लीगी जमात के कारण संक्रमण का फैलाव हुआ तो अब ट्रेनों के माध्यम से बड़ी संख्या में अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों के कारण चुनौती उत्पन्न हुई है. अभी तक करीब 80 से अधिक ट्रेनों के जरिए करीब एक लाख से ज्यादा प्रवासी बिहार आ चुके हैं. राज्य में पीपीई किट, मास्क, सेनेटाइजर आदि की कोई कमी नहीं है.
टेली कान्फ्रेंसिंग के इन सभी सत्रों में अलग-अलग दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, मंत्री सर्वश्री डॉ. प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव और मंगल पांडेय आदि भी उपस्थित रहे.