कोरोना महामारी के बीच घोषित लॉकडाउन के चलते स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थान बंद हैं। सरकार ने यह फैसला बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने और वायरस को फैलने से रोकने के लिए किया है। ऐसे में कटिहार के ललियाही निवासी बिहार पुलिस के जवान श्याम पासवान ललियाही में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। वो अपने छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्वेच्छा से खुले में पढ़ा रहे हैं। वे इस काम के लिए विद्यार्थियों के परिजनों से संपर्क कर बच्चों को कुछ समय के लिए पढ़ाई के लिए भेजने की अपील करते हैं। हालांकि पढ़ाई के समय मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और बच्चों की संख्या पर पूरी तरह नजर रखी जाती है।
पटना में कार्यरत बिहार पुलिस के जवान श्याम पासवान पर किसी कारण बस वरीय अधिकारी ने 3 माह पहले उन्हें निलंबित कर दिया। इसके पश्चात श्याम अपने घर पहुंचे। जहां कुछ दिनों तक वह घर पर ही रहे और बाहर अपने मोहल्ले में जब घूम रहे थे तो उन्होंने देखा कि कई छोटे-छोटे बच्चे सड़कों पर खेल रहे थे और कुछ छोटे-छोटे बच्चे घर का काम कर रहे थे इन चीजों को देखकर उनके मन में बच्चों के प्रति कुछ करने का ख्याल आया। वे उन बच्चों के माता-पिता से मिले और उन्होंने पढ़ाने की इच्छा जाहिर की। पहले दिन जब उन्होंने बच्चों को पढ़ाने कुछ शुरू किया तो तो कई ऐसे बच्चे थे। जिनके पास किताब, सिलेट आदि चीजें नहीं थे। श्याम के पास भी इतने पैसे नहीं थे कि वह उन बच्चों की कुछ मदद कर सके। फिर उन्होंने अपने परिजनों और दोस्तों से संपर्क साधा। कुछ पैसे जमा करके बच्चों के लिए सारी चीजें ली और उसके बाद बच्चों को पढ़ाने का काम शुरू किया। देखते ही देखते श्याम के पास 35 बच्चे पढ़ने के लिए पहुंचने लगे।
बिहार पुलिस के जवान श्याम पासवान ने बताया कि जब वह घर पहुंचे और मोहल्ले में देखा कई परिवार हैं जो अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। सरकारी स्कूल के भरोसे बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते हैं। इन चीजों को देखकर उनके मन में बच्चों के प्रति कुछ करने का ख्याल आया और उन्होंने अपने घर के समय खाली पड़ी जमीन पर बच्चों को पढ़ाने का काम शुरू कर दिया। आज 35 बच्चे उनके पास पढ़ रहे हैं। बिना किसी शुल्क के उनको पढ़ा रहे और उन बच्चों के पढ़ने लिखने के लिए सभी सामग्री भी उपलब्ध करा रहे हैं।
सोनू चौधरी की रिपोर्ट