PATNA: इस खबर को देखकर जोमाटो, स्वीगी, डोमिनोज जैसे न जाने कितने फूड डिलीवरी करने वाले दंग रह जाएंगे, हैरान हो जाएंगे, कुछ तो परेशान हो जाएंगे। जो नहीं होंगे वो सोच में पड़ जाएंगे कि आखिर हमने पहले ऐसा क्यों नहीं सोचा…जी हां जिस एम्बुलेंस से मरीज को अस्पताल पहुंचाया जाता है। उस एम्बुलेंस का इस्तमाल खाना डिलीवरी के लिए किया जाए तो आप इसे क्या समझेंगे। जेडीयू प्रदेश कार्यालय में आज इस इसे देखकर सब चौक गए।
दरअसल जदयू प्रदेश कार्यालय में प्रकोष्ठ की बैठक चल रही थी। बैठक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ले रहे थे। पार्टी के नेताओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। बैठक समय पर संपन्न हुई । नेताओं को भूख लगी। लगभग बैठक में आए सभी प्रकोष्ठ नेताओं ने दम भर भोजन भी किया। मगर उन्हें यह पता नहीं चला कि खाना डिलीवरी के लिए जिसका वाहन का इस्तमाल किया गया है वह गाड़ी नम्बर बीआर01पीएफ 3813 है।
अब ऐसे भी आम खाने वाले गुठली कहां गिनते हैं। शुक्र है कि मीडिया कर्मियों की नजर खाना डिलीवरी करने वाले वाहन पर पड़ गई। पूछताछ में पता चला यह सरकारी नहीं प्राईवेट एम्बुलेंस है। जिसका इस्तमाल तेजी से डिलीवरी के लिए किया गया है। कम समय में ज्यादा दूरी तय करने के उद्देश्य से इस वाहन का इस्तेमाल किया गया है।
कुछ नेताओं ने इस सवाल पर चुप्पी साधी तो कुछ ने खाना खाने के बाद डकार तो लिया मगर इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले। खैर कुछ लोगों ने जो ये सीन देखा उन्होंने यह जरूर कहां कि ये है मेरा बिहार जहां मरीजो के लिए भले ही एम्बुलेंस मिले न मिले मगर खाने के लिए डिलवरी वाहन के रूप में एम्बुलेंस जरूर मिल जाता है। इसको दूसरे अंदाज में कह सकते है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस। जब सरकार ही जेडीयू की हो तो पार्टी भी जेडीयू का हो तो भला खाना की डिलीवरी एम्बुलेंस से हो गई तो इसमें कौन सी बड़ी बात है।
पटना से संजय कुमार की रिपोर्ट