पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले ही राजद को बड़ा झटका लगा है। मंगलवार का दिन राजद के लिए अमंगल साबित हुआ। पार्टी को तीन बड़े झटके लगे। पार्टी के पांच विधान परिषद सदस्यों ने एक साथ सत्ताधारी दल जदूय का दामन थाम लिया। उधर, इनके दल छोड़ने से विधान परिषद में राजद सदस्यों की संख्या मात्र तीन रह गई। लिहाजा अब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का नेता विरोधी दल का पद भी छिनना तय है। इसी के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
राजनीतिक गलियारे में चल रही खबरों की मानें तो बिहार में अभी और बड़ी टूट होनी बाकी है। बनते-बिगड़ते गठबंधन, नेताओं का इधर से उधर जाना और चुनावी जीत पक्की करने के लिए बड़ी संख्या में विधायक पाला बदलने को तैयार हैं। जिस दल में वे जाना चाहते हैं, बस वे दल प्रमुख का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही हरी झंडी मिली की पलक झपकते ही एक को छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल हो जाएंगे। उम्मीद है कि जल्द ही बिहार की राजनीतिक गलियारे से एक और बड़ी टूट यानी पालाबदल की खबर बाहर आ सकती है। पाला बदलने वालों में कुछ अनुभवी तो कुछ नए चेहरे के होने की चर्चा है।
रघुवंश बाबू का पद छोडना कोई छोटी बात नहीं है। वह पार्टी के संस्थापक नेताओं में से रहे हैं। जगदानंद सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने से वह पहले से ही नाराज थे। उन्होंने पार्टी कार्यालय आना छोड़ दिया था। यहां तक कि प्रेस कान्फ्रेंस भी वह अपने घर पर ही करते थे। लेकिन उन्हीं के जिले वैशाली के रामा सिंह को पार्टी में शामिल करने की पहले ने उन्हें ज्यादा दुखी कर दिया।