बगहा : बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से शराबबंदी कानून को लेकर विवादित बयान दिया है. बिहार सरकार में साझीदार जीतन राम मांझी पश्चिम चंपारण के वाल्मिकीनगर इलाके में पार्टी की बैठक मैं भाग लेने पहुंचे थे. उससे पहले उन्होंने थारू आदिवासी समाज के लोगों के साथ मीटिंग की. मांझी द्वारा थारू आदिवासियों से बातचीत के क्रम में उन्होंने फिर से नीतीश कुमार की शराबबंदी की पोल खोलते हुए कहा कि बिहार में कौन नहीं जानता की नेता, अफसर और जज जैसे बडे लोग शराब पीते हैं. लेकिन गरीबों को 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी जेल भेज दिया जाता है. मांझी ने कमजोर वर्ग के लोगों को सलाह दी कि ज्यादा नहीं लिमिटेड मात्रा में शराब पीओ और घर में सो जाओ, बाहर मत निकलो.
उन्होंने कहा कि मेडिकल साइंस ने ये बता दिया कि कम मात्रा में शराब पीना शरीर के लिए फायदेमंद होता है. इसलिए गरीब-कमजोर तबके के लोगों को ज्यादा मात्रा में नहीं बल्कि कम मात्रा में शराब पीना चाहिए. इसलिए गरीब-कमजोर तबके के लोगों को ज्यादा मात्रा में नहीं बल्कि कम मात्रा में शराब पीना चाहिये. मांझी ने कहा कि ये बेहद अफसोस की बात है कि बिहार की सरकार 50 मिलीलीटर शराब के लिए भी लोगों को पकड़ कर जेल भेज दे रही है. उन्होंने दावा कि बिहार के जेलों में लाखों लोग शराब के आरोप में जेल में बंद हैं, उनमें से 70 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो आधा लीटर से भी कम शराब के आरोप में जेल भेज दिए गए हैं.
मांझी ने कहा कि शराब के बारे में क्या स्थिति है ये बिहार के लोग जानते हैं. मांझी बोले-मुझे जितनी भी प्रताड़ना दी जाए. मुझे कितनी भी सजा दी जाए लेकिन मैं कहूंगा कि बिहार में बड़े लोग जैसे ठेकेदार, इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस और जज जैसे लोग अपने घर में बंद होकर शराब पीते हैं. वे रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं औऱ दुनिया नहीं जानती कि वे पी रहे हैं. इसलिए हम गरीबों से वही कहते हैं कि क्यों पीकर इधर-उधर करते हो. तुम लिमिट में पीओ जैसे बड़े लोग पीते हैं. तुम पीकर बाहर निकलते हो तभी पकड़ाते हो, बड़े लोगों की तरह लिमिट में पीओ और घर में सो जाओ. सुबह उठकर अपने काम पर लग जाओ.
विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट