राकेश कुमार की रिपोर्ट
अनलॉकडाउन1.0 मे रियायत मिलते ही लोगों में अब आस्था और अंधविश्वास की लहर दौड़ गई। लोग अब कोरोना को बीमारी के बजाय दैवीय प्रकोप मानने लगे हैं। बोकारो जिला के अलग अलग क्षेत्रों में महिलाओं ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप से निजात पाने एवं देश की सलामती के लिए नदी के किनारे एक फिट गहरा गड्डा खोदकर उसमें नौ लड्डू, नौ लवण और नौ अड़हुल के फूल सहित कई पूजा सामग्रियों के लेकर कोरोना का गीत गाकर पूजा अर्चना की। दरसअल अब सवाल यह बनता है कि इनको ये पूजा का आइडिया कहा से आया। जब इनसे ऑफ कैमरा बात किया गया तो जो राज से पर्दा उठा तो वो चौंकाने वाला था। पूजा करने आई महिलाओं की माने तो एक वीडियो के माध्यम से उन्होंने जाना कि कोरोना को अगर भगाना है तो उनकी पूजा लड्डू, फूल और तिल से करनी होगी। तभी वो अपना प्रकोप कम करेगी और हमें उनसे निजात मिलेगा। ऐसे में जब उनसे सवाल किया क्या यह अंधविश्वास नहीं है तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बात है तो हमारी आस्था अंधी है हम पूजा में विश्वास करते हैं। महिलाओं को अंधविश्वास या विश्वास से कोई भी लेना-देना नहीं है। महिलाएं कोरोना को समाप्त करने के लिए कोरोना माई की पूजा करना ही अपना प्रथम कार्य मान रही हैं और उसके लिए दिन तय है सोमवार और शुक्रवार। ऐसे में आज शुक्रवार को महिलाओं ने ‘कोरोना माई’ की पूजा को पूरा किया। ऐसे में महिलाओं की माने तो दुनिया जो कर रही वही वो कर रही है। कोई कुछ भी कहे पति और बेटे के लिये पूजा किया ही जाएगा। एक वीडियो से शुरू हुआ इस अंधभक्ति की हवा बोकारो में बयार बन गई है.