रांची : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने एक गंभीर षड्यंत्र बताया. उन्होंने कहा कि यह अचानक नहीं बल्कि आयोजित प्रयोग था. रांची प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ पांच जनवरी को हर पल खिलवाड़ होता रहा और पंजाब पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी रही. प्रधानमंत्री के काफिले वाली सड़क पर प्रदर्शनकारी और रेडिकल ग्रुप्स अपनी मनमानी करते रहे और पुलिस मूकदर्शक बन कर खड़ी रही.
दीपक प्रकाश ने कहा कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई न करने के निर्देश कांग्रेस की चन्नी सरकार द्वारा दिए गए थे. प्रकाश ने कहा कि मामले के स्टिंग ऑपरेशन के खुलासे के बाद सब कुछ साफ हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर जमीनी हकीकत जुटाने वाले सीआईडी के डीएसपी सुखदेव सिंह (फिरोजपुर) ने बताया कि संवेदनशील इलाके में प्रधानमंत्री की रैली से पहले उन्होंने पूरी एक एक पल जमीनी हकीकत अपने आला अधिकारियों को वक्त रहते बताई थी. दो जनवरी को उन्होंने साफ कर दिया था कि प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे. प्रदर्शनकारियों के सड़क पर आने से पहले भी एसएसपी को बता दिया गया था. पल-पल की जानकारी दी गई. खालिस्तान गुट भी रैली के खिलाफ सक्रिय था.
भाजपा नेता ने कहा कि स्टिंग ओप्रेसन में कुलगढ़ी एसएचओ बीरवल सिंह ने कहा हमे आदेश होता तो हम प्रदर्शनकारियों को हटा देते. राज्य सरकार का ऊपर से आदेश था कि प्रदर्शनकारी किसानों को हाथ तक नहीं लगाना है. अगर आदेश होता तो बीरबल सिंह कहते हैं कि फिर तो उनको रास्ते से हटा दिया जाता लेकिन पुलिस को आदेश नहीं था कि सख्ती बरते लेकिन पुलिस को ये भी पता था कि किसानों के नाम पर रेडिकल ग्रुप प्रधानमंत्री के विरोध के लिए एकत्रित हो रहे हैं. पुलिस थाने के प्रभारी बीरबल सिंह ने आगे बताया की सभी को पता है ये किसान विसान कुछ नही हैं बल्कि मुखालफत हो रही है. ये सारे रेडिकल्स (कट्टरपंथी है. नाम किसान का लगा लिया है किसान से नाम पर कोई भी इकट्ठा हो जाता है.
प्रकाश ने कहा कि रिपोर्ट है कि फ्लाईओवर के नीचे शराब की दुकाने तक खुली थी जबकि एसपीजी के प्रोटोकॉल्स कहते हैं कि पीएम के संभावित रास्ते को पहले से ही सील कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक राष्ट्र के लिए गंभीर परिणामों के साथ एक भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती थी. उन्होंने कहा कि आम तौर पर प्रधानमंत्री के किसी भी राज्य के दौरे के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी प्रधानमंत्री की अगवानी करने और उनके साथ जाने के लिए उपस्थित होते हैं. लेकिन, इन तीनों में से कोई भी न तो प्रधानमंत्री की अगवानी के समय था और न ही उनके साथ था. एक ही समय में तीनों का गायब हो जाना या अनुपस्थित होना अत्यंत ही गंभीर बात है जो अनगिनत प्रश्नों को जन्म देता है.
उन्होंने कहा कि सीएम चन्नी ने खुद स्वीकार किया कि वह प्रियंका वाड्रा को सुरक्षा उल्लंघन के बारे में जानकारी दे रहे थे. मतलब साफ है कि कहीं न कहीं मामले में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व से सीधे तार जुड़ा है. यदि चूक नहीं होता तो प्रदेश के डीजीपी और फिरोजपुर के एसएसपी को क्यों सस्पेंड किया गया? इन तथ्यों के आधार पर इस बात को और भी बल मिलता कि कांग्रेस सरकार जान बुझ कर देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रनीति पर राजनीति करना कांग्रेस का DNA बन चुका है. यह पहली बार नहीं है कि नरेंद्र मोदी से घृणा करते करते कांग्रेस देश से, प्रधानमंत्री के पद से, संविधान, सेना और सुरक्षा राष्ट्र हित से ही घृणा करने लगी है.
सांसद ने कहा कि इस से पहले भी पुलवामा पर सियासत कर पाकिस्तान को क्लीन चिट देना सर्जिकल स्ट्राइक पे सवाल, बालाकोट पर सबूत मांगना और बार बार पाकिस्तान और चीन के प्रोपेगडा के साथ सुर से सुर मिलाना केवल और केवल एक व्यक्ति से नफरत करते करते यह कांग्रेस की आदत बन चुकी है. यह स्पष्ट है की प्रधानमंत्री की सुरक्षा में खूनी खिलवाड़ और साजिश के तार राजनैतिक रूप से सीधे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से जाकर जुड़ते है.
हेमंत सरकार के झूठ और लूट के हुए 2 साल
वहीं प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए विधायक अनंत ओझा ने हेमंत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने जल संसाधन विभाग पर बोलते हुए कहा कि हेमन्त सरकार ने घोषणा पत्र के अनुसार एक भी कार्य नहीं की. सिंचाई हेतु महत्त्वपूर्ण विकास योजनाओं को वर्तमान सरकार ठंडे बस्ते में डाल का किसानों के साथ छलावा कर रही है.
उन्होंने कहा कि जल संसाधन में बजट का मूल आकार 1126.30 करोड़ रुपए था. किंतु दिसंबर माह समाप्त हो जाने के बावजूद बजट का मात्र 45.54 फीसदी ही खर्च हुआ है. राज्य के 75 फीसदी ग्रामीण जनसंख्या है और वह ग्रामीण व कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित है. जबकि कृषि और जल संसाधन में मात्र 6.28 फीसदी के बजट का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि जब काम नहीं हो रहा है फिर प्रथम एवं द्वितीय अनुपूरक बजट लाने का क्या औचित्य? जिन भी योजनाओं की उदघाटन की जा रही है, वह पूर्व की सरकार की देन है. इस सरकार में कोई भी योजना की स्वीकृति नहीं दी जा सकी है. और न ही योजना का निर्माण हुआ है, सिर्फ कागज में योजना है. पिछली सरकार की सारी योजनाएँ को बंद कर दी गई.
वहीं ओझा ने पलामू में निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव की मौत पर सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. लालजी यादव इसी भ्रष्टाचार का विरोध करने पर षड्यंत्र का शिकार हुए हैं. लालजी यादव की कार्यशैली से जनता इतना प्रभावित थी कि मौत के बाद स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव किया. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की बातें संचार माध्यम से भी आ रही है. लालजी यादव एक होनहार पुलिसकर्मी थे, जिन्हें हेमंत सरकार में फैला भ्रस्टाचार ने निगल लिया. प्रेसवार्ता में प्रदेश प्रवक्ता अमित सिंह भी उपस्थित रहे.
गौरी रानी की रिपोर्ट