रांची : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत कार्यरत झारखंड राज्य के लगभग 522 कर्मियों का आंदोलन का आज 36वा दिन था. आंदोलनरत कर्मचारी लगातार अपने समायोजन की मांग को लेकर राजभवन के समीप सड़क पर बैठे हैं. कड़ाके की ठंड होने के बावजूद कर्मचारियों में अपनी मांगों को लेकर जोश बरकरार है. इसी क्रम में आज आंदोलन को तेज करते हुए SBM (G) कर्मियों ने अपनी उपलब्धियों का स्वाहा कार्यक्रम का आयोजन कर अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न स्तरों पर प्राप्त किए उपलब्धि प्रमाण पत्र को हवन कुंड में जलाकर स्वाहा कर दिया.
कर्मियों का मानना है कि यदि सरकार हमारे उपलब्धियों का सम्मान नहीं कर रही है तो हमारे पास ऐसे प्रमाण पत्रों की जरूरत क्या है. एक तरफ सरकार हमें क्षमता बान, ऊर्जावान कर्मचारी का प्रमाण पत्र देते हैं. दूसरी तरफ हम को हटाकर हमारे जगह में नई नियुक्ति प्रक्रिया अपनाते हैं. जो ना सिर्फ क्षमतावान कर्मचारियों का अनादर है. बल्कि उपलब्ध कराए गए प्रमाण पत्र का भी अनादर है. इसीलिए हम सभी कर्मी गन अपने प्रमाणपत्रों को जला रहे हैं.
प्रमाण पत्रों का स्वाहा करते कर्मी रोमा कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों में विभिन्न स्तरों पर प्रखंड जिला राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मौके पर हम सभी कर्मियों को उपलब्धि का प्रमाण पत्र मिला है. इसके बावजूद सरकार के द्वारा यह कहा जाना और कह कर हमारे जगह में नई नियुक्ति प्रक्रिया अपनाना हमारे प्रमाण पत्र का अपमान है. इसी अपमान को लेकर हम सभी कर्मियों ने आज उपलब्ध प्रमाण पत्रों को हवन कुंड में स्वाहा कर दिए हैं.
विदित हो कि झारखंड स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण कर्मचारी महासंघ की ओर से आज आयोजित उपलब्धि का स्वाहा कार्यक्रम अपने तय समय से शुरू हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण से किया गया. इसके बाद एक-एक करके सभी कर्मचारियों ने अपने सेवा के दौरान प्राप्त किए. प्रमाण पत्रों को हवन कुंड में जला दिया. इस क्रम में कर्मचारियों के बीच काफी रोष देखा गया. कई कर्मचारी ने अपने रोष व्यक्त करने के दौरान यह भी कहा कि सरकार लगातार युवाओं का अपमान कर रही है. सरकार के अपमान से युवा परेशान है. इसी का परिणाम है कि आज हम लोग एकत्रित होकर सामूहिक रूप से अपने प्रमाणपत्रों को जला रहे है.
रांची के कर्मी अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रमाण पत्र से न तो रोजगार मिलेगी और ना ही पेट भरेगा और ना ही परिवार का पालन पोषण संभव है. ऐसे प्रमाण पत्र को जला देना ही जलाने में ही आत्म संतुष्टि है. पुरोहित की भूमिका निभा रहे अनुज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे अनुष्ठान एवं कार्यक्रम शुभ कार्यों के लिए किए जाते हैं. किंतु जब युवाओं का ही अपमान हो युवाओं को छमतावान बनाने वाले प्रमाण पत्रों का अपमान हो तो ऐसी परिस्थिति में सामूहिक रूप से सारे प्रमाण पत्रों का स्वाहा करना न्यायोचित प्रतीत होता है. जिससे सरकार को यह संदेश जाएगा कि युवा वाकई में परेशान एवं प्रसारित है.
कार्यक्रम के संबंध में विशेष जानकारी देते हुए संघ के महासचिव कौसर आजाद ने बताया कि हासिल किए गए उपलब्धियों का सामूहिक रूप से हवन कुंड में स्वाहा करना सरकार के लिए एक चीज का विषय है .एक तरफ सरकार अपना पीठ थपथपा ने में लगी है. दूसरी तरफ एसबीएमजी कर्मी अपने ही उपलब्धियों को हवन कुंड में जलाने को विवश है. सरकार को चाहिए कि एसबीएमजी कर्मियों की समस्याओं का अभिलंब निदान निकाले. याद रहे कि पिछले एक महीना से अधिक समय से धरना पर बैठे स्वच्छ भारत मिशन अनुबंध कर्मचारी अपने मांगे को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ एवं विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते रहे हैं. इनका मांग है कि स्वच्छ भारत मिशन में पूर्व से काम कर रहे कर्मियों को ही स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 में समायोजन किया जाए. किन्तु आज तक सरकार ने सुध तक नहीं ली.
संघ के मीडिया प्रमुख आशीष यादव ने कहा कि आज इन कर्मियों के द्वारा सरकार की नीतियों के खिलाफ एसबीएम कर्मी हवन कार्यक्रम आयोजित की. जिसमें लोगों के द्वारा अच्छे काम करने का विभागीय स्तर से प्रशस्ति पत्र एवं अनुभव पत्र का सम्मान प्राप्त था. आज 522 कर्मी नौकरी से हटाए गए हैं लेकिन जो भी सम्मान पर पत्र प्राप्त हुआ है. उसका हमलोग रख कर क्या करेंगे. इससे न कोई रोजगार मिलेगा ना इस से घर परिवार चलेगा तो इस प्रशस्ति पत्र को रखने से क्या फायदा. उसी प्रशस्ति पत्र को आज इस हवन कार्यक्रम में हवन किया गया. उक्त मौके पर झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों से आए हुए स्वच्छता कर्मी में अनूज श्रीवास्तव, प्रीति कुमारी रोमा कुमारी, सलोनी कुमारी, जयंत कुमार, आशीष यादव, प्रियरंजन घोष और कौसर आजाद एवं सैकड़ों की संख्या में कर्मी उपस्थित थे.
गौरी रानी की रिपोर्ट