पटना ब्यूरो
पटना: डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने विरोधियों पर ट्विटर के जरिये हमला बोला है। मंगलवार को ट्विट करते हुए उन्होंने लिखा कि रिकवरी रेट 50 फीसद, क्वरंटाइन सेंटर बेहतर। बिहार को शर्मिंदा करने वालों को चुभ रही है कोरोना काल में राज्य की तारीफ। कोरोना संक्रमण से निपटने में बिहार के बेहतर रिपोर्ट कार्ड से उन लोगों के सीने पर सांप लोट रहा है, जिन्होंने 15 साल के कुशासन में बिहारी होने को सामाजिक तिरस्कार का पर्याय बना दिया था। उन्हें कोरंटीन सेंटर की बेहतर व्यवस्था के लिए राज्य की तारीफ चुभ रही है। राजद और कांग्रेस परेशान हैं कि एक लाख प्रवासियों की घर वापसी के बावजूद राज्य में 50 फीसद का शानदार रिकवरी रेट क्यों है, जबकि राष्ट्रीय औसत 29.36 फीसद है। ज्यादा लोगों के मरने से केवल शव भक्षी प्रजाति के जीव खुश होते हैं। बिहार सरकार शवभक्षी राजनीति को खुश होने का मौका नहीं देगी।
उन्होंने यह भी लिखा कि कभी राज्य से बाहर बिहार की खस्ताहाल सड़कों, घोटालों और तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के नाम लेकर प्रवासियों का मजाक उड़ाया जाता था। लोग अपनी प्रादेशिक पहचान छिपाते थे। एनडीए सरकार ने देश में सबसे तेज विकास दर, हर गांव तक बिजली, फोरलेन सड़क और उच्च शिक्षा संस्थान तक विकसित कर बिहार का गौरव लौटाया। अब कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन, कोरंटाइन सेंटर और लाखों मजदूरों को रोजगार देने तक में बढ़-चढ़ कर जनता की सेवा की गई। जिनके नेता 50 दिन बाद अज्ञातवास से लौटे रहे हैं, उन्हें जमीनी हकीकत की जानकारी क्या होगी? वे गरीब मजदूरों को मेवा भेंट करने लायक नहीं समझते इसलिए ऐसे सुझाव पर मिर्ची लगती है।