PATNA : बिहार में शिक्षा का स्तर क्या है, यह किसी से भी छिपा नहीं है. वहीं बात करें बिहार के सरकारी स्कूल की तो यहां आये दिन शिक्षकों और बच्चों की मनमानी से जुड़े मामले सामने आते रहते हैं. अभी हाल ही में भागलपुर से भी खबर आई थी कि प्राचार्य की मनमानी के कारण स्कूल में बच्चों को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिलने के कारण गांव के लोगों और स्कूल के बच्चों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी. इसके साथ ही प्राचार्य को पद से हटाने की भी मांग कर दी. वहीं, अब इन तमाम मामलों को देखते हुए बिहार सरकार सख्त हो गई है. बिहार सरकार ने नया फरमान जारी कर दिया है, जिसके बाद अब शिक्षकों पर गाज गिर सकती है. अब किसी भी हाल में शिक्षक या प्राचार्य की मनमानी नहीं चलेगी. इसके साथ ही अब सरकारी स्कूल में बच्चों की भी मनमानी नहीं चलेगी।
दरअसल, बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति को देखते हुए बड़ा निर्णय लिया है. बिहार सरकार ने नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि अब से सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 60 % तक होना अनिवार्य है. यदि बच्चों की उपस्थित 60 % से कम हुई तो गाज स्कूल के शिक्षक पर गिरेगी. ऐसा नहीं होने पर स्कूल के शिक्षक पर कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं, बच्चों की स्कूल में उपस्थिति कम होने के लिए प्राचार्य भी दोषी माने जायेंगे. इसलिए हर हाल में बच्चों की उपस्थिति 60 % तक होना अनिवार्य है.
शिक्षा विभाग ने इस मामले में कड़े आदेश जारी करते हुए कहा है कि, यदि मानिटरिंग बच्चों की उपस्थिति 60 % से कम हुई तो इसे लेकर स्कूल के शिक्षक और प्राचार्य सवाल-जवाब किये जायेंगे. साथ ही यह भी आदेश दिया गया है कि यदि बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं तो इसे लेकर शिक्षक को अनुपस्थित छात्र और छात्राओं के पेरेंट से मुलाकात करनी होगी. इसके साथ ही बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर उन्हें जागरूक करना पड़ेगा. वहीं, जरुरत पड़े तो इसके लिए शिक्षक या प्राचार्य विद्यालय शिक्षा समिति या विद्यालय प्रबंधन समिति की मदद या सलाह से सकते हैं.
बता दें कि, सरकारी स्कूल के शिक्षकों या बच्चों लिए ये पहली बार नहीं है जब इस तरह के आदेश दिए गए हैं. लेकिन, उन आदेशों का पालन नहीं होने के कारण उन्हें और भी ज्यादा सख्ती से लागू करने को लेकर फरमान जारी किया गया है. वहीं, इससे पहले भी स्कूलों के निरीक्षण को लेकर निर्देश जारी किये गए थे. दरअसल, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी समेत अन्य को समय-समय पर स्कूल के मानिटरिंग को सख्त करने का आदेश दिया गया था. उन्हें हर महीने सरकारी स्कूल की मानिटरिंग करनी होगी और उसका रिपोर्ट भी देना पड़ेगा. वहीं, मनमानी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. इसके साथ ही स्कूल के समय से पहले बंद होने या समय पर नहीं खुलने को लेकर प्राचार्य से पूछताछ की जाएगी. इसके लिए प्राचार्य जिम्मेदार होंगे. तो बिहार में शिक्षा व्यवस्था सुचारु रूप से चले इसके लिए बिहार सरकार द्वारा समय-समय पर सख्त निर्देश जारी किये जाते हैं. नई योजनाएं लागू की जारी है. अब देखने वाली बात होगी कि इस सख्ती के बाद शिक्षा के स्तर में क्या कुछ बदलाव आते हैं.
डेस्क रिपोर्ट