बिपिन कुमार मिश्रा
वृद्धा पेंशन जिसके बदौलत बुजुर्गो को दवा ,इलाज आदि जैसी समस्या में काफी मददगार होती है ऐसे में इस सभी लाभार्थियों का पिछले साढ़े चार वर्षो से उनके खाते में पैसा नहीं मिलने से बेहद मायूस है। एक माह के लॉक डाउन में आर्थिक तंगी इस कदर समाया की उनके दो वक़्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया। विमार होने पर अब तो पास में पैसा नहीं रहता जिससे उनका इलाज व परवरिश दोनों दूसरे पर निर्भर होना पड़ता है ।उक्त मामला मांझी प्रखंड क्षेत्र के पंचायत राज जैतपुर की है जहां करीब चार वर्षों से 179 विकलांग, वृद्धा, विधवा, लाभार्थी अपने पेंशन से बंचित है।जिनका आज तक कोई अधिकारी सुधि नहीं लिया। हालाकि पीड़ित लाभार्थियों द्वारा कई बार प्रखंड से लेकर जिला कार्यालय तक अपने कागजात समेत चक्कर लगता लेकिन वहा भी उन्हें निराशा हाथ लगी हार थाक कर पुनः अपने पंचायत के वर्तमान व पूर्व मुखिया के पास अपनी समस्या लेकर पहुंची तो जनप्रतिनिधियों ने लॉक डाउन को देखते हुए सभी लार्थियो को मस्क पहनाए और सोसल डिस्टेंस में बिठाया।वहीं एक विकलांग लाभार्थी फुट फुट कर रोने लगा। पूर्व मुखिया जय प्रकाश साह ने लाभार्थी को सांत्वना दी।कहा कि देश इस संकट की घड़ी में आप सभी को जरूर सुनेगा।मुखिया श्री साह नेबताया कि इस असहाय लोगो की समस्या को पंचायत स्तर से आवेदन व सिडी बनाकर प्रखंड व जिला कार्यालय को दी गई है। इससे पूर्व 24 जनवरी 2019 को पेंशनधारियों की सूची बनाकर जिलाधिकारी को दी गई थी।जिसमें कुछ लाभार्थियों को इसका लाभ प्राप्त हुआ।वहीं लगभग डेढ़ सौ लाभार्थी आज भी पेंशन की राशि से वंचित है। लोगो की समस्या है कि कभी बैंक तो कभी प्रखंड लगातार कागजात लेकर दौड़ते रहे है।इनमें से कुछ ऐसे भी लाभार्थी है जो अपने पैरो से चलकर नहीं जा सकते उनके फरियाद को हमें आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि जिलाधिकारी महोदय अवश्य सुनेंगे।