बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को कहा की कोरोना संक्रमण ने दुनिया भर में जब कामकाज का तरीका बदल दिया, तब इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव भी डिजिटल तरीके से आनलाइन क्यों नहीं हो सकता? चुनाव आयोग अगर ऐसी व्यवस्था करता है, तो वह निष्पक्षता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।
इसको लेकर केवल वही लोग दुराग्रही हो सकते हैं, जिन्हें ईवीएम आने के बाद से बूथ लूट कर सत्ता हथियाने के मौके मिलने बंद हो गए। गरीबों के वोट लूटकर मतपेटियों से जिन्न निकलने का दावा करने का तिलिस्म टूटने से बौखलाए लोग आनलाइन चुनाव प्रचार के विरुद्ध नरेशन गढ़ने में लग गए।
जिन लोगों ने आईटी-वाईटी का मजाक उड़ाया, वे आज इसी आईटी-वाईटी के सहारे किसी अज्ञात स्थान या जेल से सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं।
इन लोगों ने आधार कार्ड और जन-धन खातों का भी विरोध किया, लेकिन इस कोरोना आपदा के समय आईटी से लैस इन खातों के जरिये करोड़ों गरीबों, महिलाओं और बुजुर्गों के हाथ तक पैसे पहुंचे।
चुनाव हो या सरकारी योजना, डिजिटल तरीका भ्रष्टाचार और धांधली रोकने वाला है, इसलिए घोटालेबाज हमेशा इसका विरोध करते हैं।
पटना से अंशु झा की रिपोर्ट