द एचडी न्यूज डेस्क : साल का नौवां महीना यानी सितंबर शुरू हो गया है. अंग्रेजी कैलेंडर का नौवां महीना सितंबर और हिंदू कैलेंडर का छठवां महीना भाद्रपद होता है. जो की व्रत त्योहारों के लिए बेहद खास माना जाता है. वही हिंदू पंचांग के अनुसार सितंबर माह में कई खास त्यौहार आने वाले हैं. इस महीने के आरंभ तीन सितंबर को अजा एकादशी और वत्सख द्वादशी से होगा और उसके बाद हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, विश्व कर्मा जयंती और फिर अनंत चतुदर्शी धूमधाम से मनाई जाएगी. इन त्योुहारों के बाद फिर पितरों का स्मयरण करने का पर्व आरंभ हो जाएगा.
अजा एकादशी – तीन सितंबर दिन शुक्रवार को कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस बार अजा एकादशी के दिन पुष्य नक्षत्र भी रहेगा इसलिए इस दिन व्रत रखना बहुत ही शुभ फलदाई माना जा रहा है. अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने और व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पंचांग के अनुसार इसी दिन वत्सज द्वादशी भी मनाई जाएगी.
प्रदोष व्रत – सितंबर के माह में चार तारीख को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने से कुंडली में मौजूद चंद्र दोष से भी मुक्ति मिलती है. इस बार प्रदोष व्रत शनिवार के दिन है इसलिए इस दिन यदि आप भगवान शिव की श्रद्धापूर्वक पूजा आराधना करते हैं तो आपको शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है क्योंकि शनि देव को शिव भगवान का भक्त माना जाता है.
पिठोरी अमावस्या – भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठोरी अमावस्या कहा जाता है. पिठोरी अमावस्या इस बार छह सितंबर दिन सोमवार को है इस दिन व्रत रखने से पितरों का आशीर्वाद व्यक्ति को प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होने लगती हैं. इस अमावस्याा को कुशाग्रहणी अमावस्याह भी कहा जाता है.
हरतालिका तीज – नौ सितंबर गुरूवार को हरितालिका तीज व्रत पड़ रहा है. हर साल सुहागिने इस व्रत को भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को करती है. इस व्रत को पति की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है.
गणेश चतुर्थी – भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है और यह 10 दिवसीय गणेशोत्सचव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार 10 सितंबर से 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होगी और 19 सितंबर को रविवार को अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमा विसर्जन के बाद समाप्ति होगी.
ऋषि पंचमी – ऋषि पंचमी का अवसर मुख्य रूप से सप्तर्षि के रूप में प्रसिद्ध सात महान ऋषियों को समर्पित है. साधारणतया यह पर्व गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद और हरतालिका तीज के दो दिन बाद पड़ता है. इस साल यह पर्व 11 सितंबर को है. ऋषि पंचमी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ ऋषियों के पूजन के बाद कथापाठ और व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि यह व्रत लोगों के समस्त पापों को समाप्त करता है और शुभ फलदायी होता है. यह व्रत ऋषियों के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता, समर्पण और सम्मान की भावना को दर्शाता है.
ऋषि पंचमी व्रत – संतान के लिए किया जाने वाला यह व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि वाले दिन किया जाता है. इस व्रत को केवल दोपहर तक ही किया जाता है. इस साल यह व्रत 13 सितंबर को है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ये व्रत रखा जाता है. इस बार ये व्रत 13 सितंबर 2021 सोमवार को पड़ रहा है. इसे संतान सप्तमी व्रत भी कहा जाता है.
राधाष्टमी – जन्माष्टमी के ठीक 15 दिन बाद राधाष्टमी मनाई जाती है. 14 सिंतबर को राधाष्टमी मनाई जाएगी. माना जाता है कि इसी दिन वृंदावन के पास स्थित बरसाना में वृषभानु और कीर्ति के यहां राधा का जन्म हुआ था.
विश्वकर्मा पूजा – शिल्पकार और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर साल 17 सिंतबर को की जाती है. मान्याता है कि इसी दिन दुनिया के सबसे पहले आर्किटेक्टक माने जाने वाले भगवान विश्वयकर्मा का प्राकट्य हुआ था.
शनि प्रदोष व्रत – 18 सितंबर 2021 को शनि प्रदोष व्रत जाएगा. इस दिन भगवान शिव की पूजा होती है. इस बार प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है इसलिए इसे शनिप्रदोष व्रत कहते हैं.
अनंत चतुर्दशी – भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु और गणेश की पूजा की जाती है. इस बार 19 सितंबर को ये व्रत रखा जाएगा. इस दिन लोग अपने हाथ में अनंत भी बांधते हैं.
भाद्रपद पूर्णिमा – भादो महीने पड़ने वाली पूर्णिका को भाद्रपद पूर्णिका कहा जाता है. 20 सितंबर को पूर्णिका का व्रत रखा जाएगा.
श्राद्ध प्रारंभ (पितृपक्ष) – श्राद्ध महीने की शुरुआथ 20 सितंबर से हो रही है, जो 06 अक्टूबर तक चलेगा. श्राद्ध महीने में पितृपक्ष की शुरूआत हो जाती है. इस दिन से पितरों से संबंधित कार्य करने पर उनका आशीर्वाद मिलता है.
संकष्टी चतुर्थी – हर महीने कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस महीने 24 सिंतबर को भगवाम गणेश के लिए ये व्रत रखा जाएगा.
कालाष्टमी – हरेक महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस महीने 28 सिंतबर को ये व्रत रखा जाएगा.
जितिया – जीवित्पुत्रिका व्रत 29 सितंबर को रखा जाएगा. इसे जिउतिया या जितिया के नाम से भी जाना जाता है.इस व्रत महिलाएं संतान की लंबी उम्र के लिए रखती है.
स्वप्ननिल सोनल की रिपोर्ट