द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में बहार है नीतीश की सरकार है. इस सरकार में शराबबंदी कानून लागू है. पुलिस धड़ पकड़ भी कर रही है, माल पकड़े जा रहे है. शराब तस्करों पर या यू कहें कि ऐसे अपराधियों पर शिकंजा भी कसा जा रहा है. मगर बात जब समान जब्ती की आती है तो पुलिस हाथ खड़े कर देती है. सूबे बिहार के कई जिलों में आपने सुना होगा कि जब्त शराब को चूहें पी गए. तहखानों में चूहों का आतंक ऐसी की लाखों रुपए के शराब पीकर मूस मोटाकर लोढ़ा हो गया.
इतना ही नहीं ताजा मामला तस्करों की उन गाड़ियों का है जिसे न्यायालय की अनुमति के बाद नीलामी करने का है. मद्य निषेध कानून में संशोधन के बाद जब्त वाहनों को मद्य निषेध कानून के तहत कुछ रियायतें बरत न्यायालय आदेश पर छोड़ने की बात कही गई है. नीलामी हुई भी. मगर जब्त वाहनों को जब उनके मालिक को सौंपने की घड़ी आई तो टालमटोल चल रहा है. हकीकत से रूबरू होने पर नाम नहीं लिखे जाने के साथ यह बताया गया कि जब्त वाहनों से बैट्री सहित कई कलपुर्जे गायब हो गया है.
मद्य निषेध द्वारा जब्त वाहनों की देख रेख करने वाले पुलिसकर्मियों को अंदाजा भी नही है कि जब्त वाहनो से बैट्री सहित कई कलपुर्जे गायब हो गए है मामला पटना के संदलपुर स्थित मद्य निषेध विभाग के कार्यालय में जब्त किये गए वाहनों का है जहाँ दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों के बैट्री सहित कई सामान गायब हो गया है. गिली-गिली छू गिली गिली छू और समान गायब हो गया. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वरीय अधिकारी भी बंगले झांक रहे हैं. देखना होगा कि विभाग के अधिकारी गायब करने वाले जादूगर तक कबतक पहुंच पाते हैं.
अन्नु प्रकाश की रिपोर्ट