छपरा (सारण)। बिहार में साल 2016 में गठित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरी 15 जून के बाद भंग हो जाएगी. इसके बाद भी पंचायत और ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधि पूर्व की तरह काम करेंगे, पर इनका पदनाम बदल जाएगा. 16 जून से ये सभी प्रतिनिधि बतौर परामर्शी समिति अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के रूप में काम करेंगे. पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को बताया था कि कोरोना काल में पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण समय की अवधि पूरी होने के बाद त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरी 15 जून के बाद भंग हो जाएगी.
एमएलसी इंजीनियर सच्चिदानंद राय ने बताया कि 29 मई को है उक्त आशय का पत्र बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी जी को देकर यह आग्रह किया गया था कि पंचायती राज व्यवस्था में कोरोना काल के महामारी के समय अधिकार विहीन करने से पंचायतों का विकास रुक जाएगा और लोगों को इस महामारी में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।जिसके लिए उन्होंने इस संवैधानिक व्यवस्था को लागू रखने लिए इसे विस्तारित करने की मांग की थी।
अपने पत्र में श्री राय ने कहा कि बिहार पंचायत चुनाव 2021 को आगे बढ़ाने के बाद त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में मुखिया , पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों वार्ड पार्षदों के योग्य और संतोषप्रद कार्य करने के साथ मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना ,पंचायतों के विकास थम जाएगा।अतः इसे विस्तारित करने की कृपा करें,
अब मुखिया और पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य अपने विकास को अपने हिसाब से कार्य कर सकेंगे और जो अधूरे कार्य पूरा करेंगे और कोरोना काल मे लोगो की मदद कर सकेंगे