BIHAR – बिहार के छपरा जिले में जहरीली शराब से हुई लोगो की मौत ने बिहार के शराबबंदी और स्वास्थ व्यवस्था की पोल खोल खोलकर रख दी है। जहां शराबबंदी के 7 साल के बाद भी बिहार में शराब बिक रही है मौत होने से ये पुख्ता हो गया तो वही दूसरी ओर बिहार के सबसे बड़े हस्पताल में लोगो को पोस्टमार्टम करवाने के लिए भी 24 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है।
दरअसल जहरीली शराब से हुई मौत में मृतकों का शव नीला पड़ गया था रिएक्शन ऐसा था कि शरीर से दुर्गन्ध भी आ रहा था। शव सड़ रहा था, लेकिन बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए 24 घंटे का इंतजार कराया गया।इतना ही नहीं बल्कि शव को ठेला पर लोग ले जाने को मजबूर है क्योंकि हमारे बिहार के पीएमसीएच में एबुलेंस लोगो नहीं मुहैया नहीं करवा पा रहे है।
परिवार वालों ने छपरा से लेकर पटना तक हेल्थ सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। आरोप है कि पहले इलाज में लापरवाही की गई और मौत के बाद पोस्टमार्टम में मनमानी की गई। जहरीली शराब के शिकार लोगों के परिवार वालों ने दर्द साझा करते हुए सिस्टम की पोल खोली है। बतया की पहले से ही परिजन के मौत से दुखी है वही दूसरी तरफ स्वास्थ व्यस्था की बदहाली के वजह से और परेशानी हो रही है।
छपरा में जहरीली शराब से करीब 11 लोगो की मौत हो चुकी है। छपरा के 15 लोगों के आंख की रोशनी भी चली गई है, 30 से अधिक लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। गंभीर हालत होते ही पटना के लिए रेफर किया जा रहा है।
पटना से अनु प्रकाश की रिपोर्ट