JHARKHAND : लातेहार जिले के बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों अव्यवस्था का आलम लगातार दिखता नजर आ रहा है। मंगलवार की शाम जहां परिवार नियोजन कराने आई महिलाओं को ऑपरेशन के बाद जमीन पर सुलाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि दूसरा मामला सामने आ गया है. दरअसल, मृतक के शव को एंबुलेंस नहीं देने के बाद शव को ठेला पर लाद कर ले जाने का मामला सामने आया है। बालूमाथ थाना क्षेत्र के बसिया पंचायत के टेमराबार के आदिवासी परिवार के चंदरु लोहरा की तबीयत खराब हो गई थी।
परिजनों द्वारा उसे बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद चंदरु लोहरा के भतीजा टूलू लोहरा ने अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस की मांग की। लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई गई। टूलु लोहरा ने कहा कि, अस्पताल प्रबंधन द्वारा यह कहा गया कि हम लोगों के पास जो व्यवस्था है हम लोग दे रहे हैं। आप इसे जो सुविधा है उसी के हिसाब से शव ले जाइए। हम लोग गरीब परिवार के होने के कारण हम लोगों के पास प्राइवेट वाहन करने के लिए पैसा नहीं था। इस कारण हम लोग ठेला से शव को अपने घर ले जा रहे हैं।
इसी दौरान मुरपा मोड़ के समीप बालूमाथ भाजपा नेता पूर्व उप-प्रमुख संजीव सिन्हा ने मृतक के परिजनों से बात की व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पुरुषोत्तम कुमार को एंबुलेंस नहीं देने की बाबत जानकारी मांगी। उसके बावजूद भी प्रभारी द्वारा एंबुलेंस देने में कोई रुचि नहीं दिखलाया गया और यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि अभी मेरा ड्यूटी नहीं है, इसलिए जिनका ड्यूटी है वह समझेंगे। बहरहाल, जो भी हो एक आदिवासी व्यक्ति की मौत के बाद सरकारी एंबुलेंस व्यवस्था नहीं होना स्वास्थ्य विभाग के कार्यशैली पर प्रश्न उठने लगा है। वहीं, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। ज्ञात हो कि जिस वक्त चंदरु लोहरा की मौत हुई थी उस वक्त बालूमाथ अस्पताल परिसर में एंबुलेंस खड़ा था।
रांची से गौरी रानी की रिपोर्ट