सीतामढ़ी : बिहार के सीतामढ़ी में जमीन माफियाओं का हौसला किस कदर बुलंद है. इसकी बानगी गुरुवार की सुबह सदर थाना क्षेत्र के अंबेडकर चौक पर देखने को मिली. यहां पत्रकार आशुतोष मिश्रा के घर में पहले अभिषेक मिश्रा शिशु के इशारे पर राजू चौधरी और उसकी पत्नी न सिर्फ दाखिल हुए बल्कि आशुतोष मिश्रा ने जब इसका विरोध जताया तो पत्रकार पर राजू चौधरी उसके पुत्र अमन चौधरी सहित इलाके के गुंडे लाठी-डंडे और चाकू से हमला बोल दिया.

आशुतोष मिश्रा के कई दोस्तों को भी अपराधियों ने अपना निशाना बनाया. करीब दो घंटे तक अपराधी तांडव मचाते रहे. लेकिन टाउन थाने की पुलिस को बार-बार कॉल किए जाने के बावजूद पुलिस नहीं पहुंची. सारी घटना घटने के बाद पुलिस की टीम जब आई तब तक अपराधी फरार हो चुके थे. बाद में आशुतोष मिश्रा की ओर से थाने में लिखित आवेदन भी दिया गया. लेकिन आवेदन देने के तीसरे दिन बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
जानकारी के मुताबिक, उल्टा जमीन माफिया ने आशुतोष मिश्रा पर मनगढ़ंत आरोप लगा दिया है. आशुतोष मिश्रा और अभिषेक मिश्रा और शिशु के बीच पिछले तीन साल से जमीन विवाद चल रहा है. इस जमीन पर कोर्ट की ओर से इंजंक्शन ऑर्डर भी है. यानी यथास्थिति है. बावजूद इसके समाजसेवी शिशु मिश्रा इस जमीन पर लगातार कब्जा करने की कोशिश करते रहते है. एक बार फिर से उन्होंने घर में अपने आदमियों को घुसाकर कब्जा करने की कोशिश की. जिसका विरोध करने पर उन्होंने हिंसक गतिविधि को अंजाम दिया. आशुतोष मिश्रा और उनका पूरा परिवार दहशत में है. पुलिस से गुहार लगा रहा है तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है.

आपको बता दें कि अभिषेक मिश्रा और शिशु रसूखदार लोगों में गिने जाते हैं. उनका राजनीतिक पहुंच है. बल्कि थाने पुलिस में भी उनकी अच्छी खासी पैठ है. इसी का फायदा उठाते हुए वह लगातार शरीफ लोगों को परेशान करते रहें. इससे पहले भी साल 2017 में सात नवंबर को वह आशुतोष मिश्रा की जमीन पर हमला बोल चुके हैं.
इस दौरान मारपीट हुई थी और कई लोग जख्मी हुए थे. आशुतोष मिश्रा के सामने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लोगों ने अपनी दुकान बना रखी है. इससे एक साल पहले खाली कराया गया था लेकिन अभिषेक मिश्रा उसी जगह फिर से दुकान लगवा चुके हैं. जहां से शराब के धंधे भी होते हैं और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी लगा रहता है. इसी जमीन के सामने टेंपो स्टैंड भी अवैध तरीके से चलाया जाता है. उसे भी अभिषेक मिश्रा शिशु का संरक्षण प्राप्त है. लगातार पत्रकार को टॉर्चर किया जा रहा है और जमीन छोड़कर सीतामढ़ी छोड़कर चले जाने को कहा जा रहा है. आशुतोष मिश्रा और उनका पूरा परिवार दहशत के साए में जीने को मजबूर है. लेकिन शासन प्रशासन मौन और शिशु के सामने नतमस्तक है.