JHARKHAND :झारखंड विधानसभा के बजट सत्र शुरू होने के तारीखों की घोषणा हो चुकी है । राज्य का अपना बजट तीन मार्च को पेश किया जाएगा । इसके लिए 27 फरवरी से बजट सत्र शुरू होगा । वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट के लिए यह सत्र आयोजित किया जा रहा है । संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने जानकारी देते हुए बताया कि बजट सत्र 23 मार्च तक चलेगा । इस दौरान राज्य सरकार अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश करेगी साथ ही कई महत्वपूर्ण विधेयक भी सदन मे लाया जाएगा ।
बजट सत्र के दौरान सरकार चालू वित्तीय वर्ष के लिए तृतीय अनुपूरक बजट भी पेश करेगी .बता दें बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। विधानसभा सूत्रों के मुताबिक 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को फिर से लाया जा सकता है। वहीं शीतकालीन सत्र के दौरान किए गए वायदे के मुताबिक सरकार नियोजन नीति पर भी विधेयक ला सकती है।
1932 आधारित स्थानीयता नीति को राज्यपाल ने वापस ने कर दिया है । जिस तरह से इस मामले पर सत्ता पक्ष राज्यपाल को कठघरे में खड़ा कर रहा है , उसके बाद से यह उम्मीद है कि एक बार फिर से इस विधेयक को सदन से पारित कराया जाए । झारखंड कैबिनेट की बैठक नौ फरवरी को होनेवाली है । उम्मीद है कि इसी कैबिनेट में विधानसभा का बजट सत्र आहूत करने का निर्णय राज्य सरकार ले सकती है ।
27 फरवरी से बजट सत्र के आयोजन को लेकर राज्यपाल रमेश बैस ने अपनी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही राज्यपाल ने दो विधेयकों को अपनी स्वीकृति प्रदान की है। जिसमें झारखण्ड आकस्मिकता निधि ( संशोधन ) विधेयक, 2022 और झारखण्ड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन विधेयक 2022 है । झारखण्ड आकस्मिकता निधि ( संशोधन ) विधेयक , 2022 के द्वारा अब राज्य की आकस्मिक निधि से निकासी की राशि 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपए तक की कर दी गई है।
झारखण्ड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन विधेयक , 2022 ‘ पर अपनी सहमति प्रदान करते हुए कई सुझाव राज्य सरकार को दिए हैं । उन्होंने कहा है कि इस विधेयक के आलोक में नियमावली के गठन के दौरान सभी हितधारकों से व्यापक चर्चा सुनिश्चित की जाय । बाजार शुल्क के दर निर्धारण में राज्य के ग्रामीण तथा अनुसूचित जनजातीय समुदाय के कृषकों का विशेष ध्यान रखते हुए शुल्क का निर्धारण किया जाय । साथ ही जिन वस्तुओं पर शुल्क लगाया जाना प्रस्तावित है , उसमें भी छोटे और कमजोर वर्ग से आनेवाले कृषकों के हितों का विशेष ध्यान रखा जाय तथा राज्य स्तर पर गठित कृषि विपणन परिषद में हितसाधकों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में सहभागी किया जाय l
झारखंड से गौरी रानी की रिपोर्ट