द एचडी न्यूज डेस्क : देवघर के त्रिकुट पहाड़ी के रोपवे हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है. दो दिनों के कठिन रेस्क्यू के बाद सेना के जवानों को सफलता हाथ लगी है. 12 ट्रॉली में फंसे 46 लोगों को बचा लिया गया है. हादसा रविवार की शाम चार बजे हुआ था. इसमें 12 ट्रॉली गहरी खाई और आसमान के बीच लटकी रह गईं. हादसे की वजह को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने जो कहा, वो सुन आप भी चौंक जाएंगे. पैसे की ज्यादा कमाई के चक्कर में जिस ट्रॉली में चार लोगों को बैठाना था, उसमें सात-आठ लोगों को भर दिया गया. नतीजा ये हुआ कि रोपवे के शुरू होते ही हादसा हो गया.
स्थानीय ग्रामीण प्रमोद कुमार गोरई ने बताया कि ओवरलोडिंग और ट्रॉली की सही से रिपेयरिंग नहीं करने के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ. रामनवमी पर ज्यादा भीड़ देख रोपवे के कर्मचारियों ने ट्रॉली पर चार के बदले छह और सात लोगों को भी बैठा लिया था. वहीं, स्थानीय निवासी सुभाष कुमार ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान एक ट्रॉली के अंदर से सात लोगों को निकाला गया था. हम लोग यहां के स्थानीय होकर भी रोप-वे पर नहीं चढ़ते हैं और ना ही अपने बच्चों को चढ़ने देते हैं.
2009 में ही जांच टीम ने बताई थी खामी, पर ध्यान नहीं दिया
2009 में गठित टेक्निकल टीम ने रोप-वे प्रोजेक्ट के वायबिलिटी (क्षमता) पर सवाल उठाए थे. सदस्यों ने माना था कि था कि रोप-वे के केबल ट्रॉली में कंपन ज्यादा है. टीम में बीआईटी मेसरा के मैकेनिकल विभाग के एचओडी, पेयजल मैकेनिकल विंग के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार शर्मा और दामोदर रोप-वे कंपनी के लोग शामिल थे. जांच में टीम ने पाया था कि ऊपरी हिस्से में जहां खड़ी चढ़ाई है, वहां केबल कार में कंपन ज्यादा हो जाता है. इस वजह से ट्रॉली असंतुलित हो जाती है. 800 मीटर के दायरे के सबसे अधिकतम ऊंचाई पर रोप-वे का टेंशन भी सामान्य से ज्यादा हो जाता है. ट्रॉली ऊपर जाने के बाद हिलने-डुलने लगती है. पर इन सभी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया.
ज्यादा यात्री देख सभी ट्रॉलियों को चालू किया
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि रोप-वे में 26 ट्राली है, लेकिन सभी ट्रॉली नहीं चलती है. वहीं रविवार को रामनवमी पर अत्यधिक भीड़ को देखते हुए सभी 26 ट्रॉलियों को शुरू किया गया. इसमें टॉप लेवल के रोप का सैप टूट गया. रोलर टूटने से ट्रॉलियां आपस में टकराने लगी, जिससे अंदर बैठे यात्रियों को चोट आईं. कुछ यात्रियों को गंभीर चोट भी आई है. सभी को देर रात बाहर निकाला गया.
गौरी रानी की रिपोर्ट