द एचडी न्यूज डेस्क : पूरा देश इस समय कोरोना की महामारी से जुझ रहा है. पूरे देश को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. टीईटी शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले बिहार के सवा लाख टीटी शिक्षकों का हड़ताल 36वें दिन भी जारी रहा. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक अमित विक्रम एवं प्रदेश महासचिव उदय शंकर ने संयुक्त बयान जारी करके यह कहा कि पटना एवं अन्य जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा दी गई चेतावनी से भी बिहार के सवा लाख टीईटी शिक्षक नहीं डरे और हड़ताल पर बने रहे.

उन्होंने कहा कि सरकार हड़ताल तुड़वाने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रही है. जिसमें प्रमुख तौर पर वह शिक्षकों को कार्रवाई का डर दिखा रही है. लेकिन बिहार के सभी टीईटी शिक्षक एकजुट हैं और सरकार के दमनात्मक कार्रवाई से नहीं डरने वाले हैं. सरकार पूर्व में भी बिहार में हजारों शिक्षकों पर कार्रवाई कर चुकी है. आगे भी जो कार्यवाही करनी चाहिए सरकार करें, लेकिन टीईटी शिक्षक डरने वाले नहीं हैं.

समन्वय समिति के कोर कमेटी सदस्य नितेश हिमांशु शेखर, रंजन गुप्ता और अमरदीप आदि ने पटना डीईओ द्वारा व्हाट्सएप पर योगदान करने हेतु निकाले गए. निर्देश को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि इस लॉकडाउन में शिक्षकों को व्हाट्सएप पर हड़ताल तोड़ने के लिए उकसाया जा रहा है जो कि नियमों के खिलाफ है. व्हाट्सएप कोई अधिकारिक माध्यम नहीं है.


साथ ही आज जब विद्यालयों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बना दिया गया है और अन्य विद्यालयों को बंद रखा गया है. ऐसे में हड़ताल के लिए शिक्षकों को उकसाना हास्यास्पद नहीं तो और क्या है. उन्होंने सभी सवा लाख टीईटी शिक्षकों को एकजुट रहने एवं मांगे पूरी होने तक हड़ताल में डटे रहने की अपील करते हुए कहा कि सरकार टीईटी शिक्षकों को उनके संवैधानिक अधिकारों से से वंचित नहीं रख सकती है. सरकार को पटना उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन करना ही होगा.
