रांची : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) शुक्रवार की दोपहर झारखंड पहुंचे. उन्होंने राजधानी रांची में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सहित कई और लोग मौजूद रहे. इसके बाद दोंनों नेताओं के बीच राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा हुई. सूत्र दावा कर रहे हैं कि दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों का नया मोर्चा बनाने के मुद्दे पद विचार किया. अपने दौरे के दौरान केसीआर बिहार रेजिमेंट के शहीद जवान कुंदन ओझा की पत्नी नम्रता ओझा को दस लाख रुपये का सहयोग प्रदान कर रहे हैं.
दरअसल, केसीआर ने इन दिनों भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प तलाशने की कोशिश में लगे हैं. इससे पहले उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन जैसे भाजपा विरोधी दलों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं. झारखंड के दौरे से पहले गत 20 फरवरी को उन्होंने मुंबई जाकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. एक दिन पहले यानी तीन मार्च को राव ने दिल्ली में मोदी का लगातार विरोध कर रहे सुब्रमण्यम स्वामी और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट से मुलाकात की. दिल्ली के बाद उन्होंने झारखंड का रूख किया है.
बलिदानी कुंदन ओझा की पत्नी देंगे मदद
टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना और झारखंड का कनेक्शन जोड़ने के लिए बिहार रेजिमेंट के शहीद जवान कुंदन ओझा का चयन किया है. गलवान घाटी में चीन के साथ झड़प में बिहार रेजिमेंट के शहीद कर्नल बी संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट के रहनेवाले थे. संतोष बाबू के साथ झारखंड के रहने वाला बिहार रेजिमेंट के जवान कुंदन ओझा अंगरक्षक के तौर पर साथ थे. दोनों की एक साथ शहादत को दोनों राज्यों के बीच भावनात्मक रिश्ते में बदलने की कोशिश है. इस भावनात्मक रिश्ते को लेकर केसीआर खुद को झारखंड की राजनीति में चर्चा में लाना चाहते हैं.
गत 16 जून 2020 को लद्दाख के गलवन घाटी में चीनी सेना से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त करनेवाले कुंदन ओझा झारखंड के साहिबगंज जिले के सदर प्रखंड के डिहारी गांव के रहने वाले हैं. मुख्यमंत्री तेलंगाना सरकार की तरफ से शहीद की पत्नी नम्रता ओझा को दस लाख रुपये की सहायता देगे. कुंदन ओझा को मरणोपरांत सेना मेडल मिल चुका है. 15 जनवरी 2022 को नई दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में नम्रता ओझा को थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने यह मेडल सौंपा था. कुंदन ओझा का नाम वार मेमोरियल में भी अंकित किया गया था.
पल-पल बदल रही राजनीति
तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री केसीआर कुछ दिनों पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रहे. राज्यसभा में जब भी विधेयकों को पास कराने की जरूरत पड़ती तो उनकी पार्टी ने अक्सर केंद्र सरकार का साथ दिया. बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में केसीआर ने मोदी और भाजपा विरोध का झंडा उठा लिया है. इसका कारण यह है कि तेलंगाना में टीआरएस को भाजपा से चुनौती मिल रही है. अब वहां टीआरएस का मुकाबला कांग्रेस के बजाय भाजपा से है. ऐसे में वे मोदी विरोधियों में सबसे आगे दिखना चाहते हैं. वह कांग्रेस की बजाय दूसरे सभी विपक्षी दलों को राष्ट्रीय स्तर पर एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरी रानी की रिपोर्ट