द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में कोरोना के खिलाफ जंग जारी है. बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 563 हो गई है जबकि पांच लोगों की मौत हो गई है. वहीं कोरोना से 246 लोग जंग जीत चुके हैं. बिहार सरकार की ओर से कोरोना के संक्रमण को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि तमाम प्रयासों के बाद भी लगातार संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है. इस बीच बिहार में राजनीति भी तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर एक बार फिर से सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
तेजस्वी यादव ने लगातार तीन ट्वीट करते हुए बिहार सरकार को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि संवेदनहीनता की भी एक सीमा होती है. संवेदनहीनता की भी एक सीमा होती है. जहां सभी राज्य सरकारें अपने राज्यवासियों को वापस लाकर उनकी बेहतरी में दिन-रात प्रयासरत है. वहीं तालाबंदी से पहले बिहार आए अप्रवासी मज़दूरों को बिहार सरकार वापस बाहर भेज रही है. रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देने वाली ये सरकार है या Manpower एजेंसी?
सीएम के दावों की पोल खुल गई – तेजस्वी
इसके बाद ही तेजस्वी ने एक और ट्वीट किया और लिखा है कि ‘ये असंवेदनशीलता दुःखद तो है ही साथ में CM के उस फ़र्ज़ी दावे की भी पोल खोल रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि अप्रवासी मज़दूरों का कौशल सर्वे करा बिहार में ही उनको रोज़गार देंगे. ये तो सरकार के द्वारा forced पलायन है. क्यों मुख्यमंत्री जी इतनी जल्दी बोझ बन गए हमारे ये कर्मवीर भाई?’
इसके बाद अपने तीसरे ट्वीट में नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से सवाल करते हुए लिखा कि ‘अगर इन मज़दूरों को वहां कुछ होता है तो क्या बिहार सरकार इसकी ज़िम्मेदारी लेगी? आख़िर इतनी जल्दबाज़ी क्यों? क्या सरकार को उनके स्वास्थ्य और गरिमा का फ़िक्र और सम्मान नहीं करना चाहिए? यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. काश! इतनी तत्परता अप्रवासी मज़दूरों को वापस लाने में दिखाई जाती.’
दरअसल, तेजस्वी कोरोना के बाद से लगातार सरकार और सीएम नीतीश पर हमलावर हैं. चाहे प्रवासी मजदूरों को बाहर के राज्यों से लाने की बात हो या फिर राज्य में लोगों तक सुविधाएं पहुंचाने की बात, तेजस्वी हर मोर्चे पर सरकार को घेरते हुए नज़र आ रहे हैं. वहीं अब उन्होंने उन अप्रवासी मजदूरों को लेकर भी सवाल उठाया है जिन्हें सरकार बाहर भेज रही है.