द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. इस बीच सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा. सदन से बाहर आते ही मीडिया को संबोधित किया. बिहार सरकार ने मंगलवार को शराबबंदी कानून में संशोधन को लेकर बैठक की थी. तेजस्वी ने इस पर कटाक्ष करते हुए सरकार पर कई सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि सरकार जनता को भटकाना चाहती है. वह शिक्षकों को बच्चों को शिक्षा देने के बजाए शराबियों को पकड़ने के लिए कहती है. क्या शराबियों को पकड़ना ही राज्य का एक मात्र काम रह गया है? शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा और बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों पर सरकार चुप्पी साधी रहती है.
सुप्रीम कोर्ट से भी मिली है फटकार
देश की सर्वोच्चय न्यायालय ने भी नीतीश सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. कोर्ट में शराबबंदी कानून को बिना किसी प्लानिंग के अचानक से लागू कर देने पर फटकार लगाई. कोई वयवस्था न होने के कारण आज जेल में शराबियों की तादाद बढ़ चुकी है. इस समस्या को देखते हुए बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन करने का फैसला लिया है.
क्या तेजस्वी जाएंगे जेल?
शराबबंदी कानून में संशोधन मामले में बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने खुद को जेल जाने की बात कही. सरकार के अधिनियम के अनुसार जो लोग पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाएंगे, या शराब बेचने वाले धंधेबाज पुलिस-प्रशासन को नाम बता देंगे तो उन्हें मामूली फाइन करके जमानत दे दी जाएगी. इस पर तेजस्वी ने चुटकी लेते हुए एक उदहारण दिया. उन्होंने अपने साथ खड़े राजद विधायक आलोक कुमार मेहता की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह शराब पीते हैं और प्रशासन के पकड़ने पर यदि यह मेरा नाम बता देते हैं तो मैं बेवजह इसमें फंस जाऊंगा. यह उदहारण सुन मौजूद सभी लोग हंसने लगे.
जारी किया गया 14 एजेंडा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में कुल 14 एजेंडे को स्वीकृति प्रदान की गई है. कैबिनेट द्वारा बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति दे दी गई. इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीने वाले लोगों को जमानत के लिए अब अदालत जाने की जरूरत नहीं होगी. शराब पीते हुए पकड़े जाने पर किसी भी शख्स को एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और आर्थिक दंड लगा कर जमानत दे दी जाएगी.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट