PATNA: महाराष्ट्र के राजनीतिक अखाड़े में बड़े उलटफेर के बाद बिहार को तो छोड़िए देश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। जहां एक तरफ नीतीश कुमार के सहित विपक्ष की 17 पार्टियां एकता का हवाला देते हुए डिंगें हांक रही थी, बीजेपी को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने के दावे पर दावे ठोके जा रहे थे, पर अफसोस मोदी सरकार ने बिना टाइम गंवाए 56 इंच के सीने को टक्कर देने की कवायद में जुटी विपक्षी पार्टियों को महाराष्ट्र के जरिए बड़ा झटका दे दिया है। बिहार में 23 जून को विपक्षी एकता की पहली बैठक के बाद बैंगलोर में होनेवाली विपक्षी एकता की दूसरी बैठक टल चुकी है। वहीं अब नेताओं के इस बयान की झड़ी लग चुकी है कि महाराष्ट्र वाला खेला बिहार में भी होने वाला है। इसी कड़ी में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री संतोष मांझी ने बड़ा बयान दिया है। संतोष मांझी ने कहा कि महाराष्ट्र के बाद बिहार में खेला होने वाला है। जेडीयू के कई विधायक तेजस्वी यादव के साथ जाएंगे। नीतीश कुमार को यह पता है इसलिए अपने विधायकों के साथ वन टू वन मीटिंग कर उनको रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिलेगी। पांच से 10 दिनों के अंदर तेजस्वी जेडीयू को तोड़ देंगे।
संतोष मांझी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे बंद हैं इसलिए चाह कर भी वह एनडीए में नहीं आ सकते हैं। शिक्षक भर्ती नियमावली में हुए बदलाव को तुरंत वापस लिया जाए। दूसरे राज्यों में तो बाहरी लोगों को नौकरी नहीं दी जाती, लेकिन बिहार सरकार दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को बिहार में शिक्षक बनने का मौका दे रही है। बिहारी शिक्षक अभ्यर्थियों का अधिकार छीना जा रहा है।
शिक्षक भर्ती नियमों में बदलाव के बाद लगातार विरोध हो रहा है। सोमवार को गर्दनीबाग में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मांझी अपने विधायकों के साथ धरना पर बैठ गए। शिक्षक भर्ती नियमावली में हुए बदलाव के विरोध में उन्होंने यह धरना दिया। बता दें कि मांझी की पार्टी महागठबंधन से एनडीए में आई है। संतोष मांझी ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद अब उन्होंने सरकार के खिलाफ धरना दिया है।