द एचडी न्यूज डेस्क : एक तरफ देश के साथ-साथ बिहार में कोरोन का कहर निरंतर जारी है. कोरोना कहर पर हर पार्टी के नेता सोशल मीडिया पर कुछ ज्यादा ही एक्टिव दिख रहे हैं. बात कर रहे हैं बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की. तेजस्वी ने करीब 24 घंटे के अंदर पांच ट्वीट कर बिहार सरकार, सीएम नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और भाजपा पर निशाना साधा है. बिहार में लचर व्यवस्था को देखते हुए सरकार पर हमला किया है.
तेजस्वी ने पहले ट्वीट में लिखा है कि तमाम दावों के बावजूद बिहार में कोरोना जांच पूरे देश में सबसे कम क्यों? 15 वर्षीय सरकार बताए आख़िर विफलता का क्या कारण है? अगर जांचकिट नहीं हैं तो सरकारी विफलता है और अगर उपलब्धता के बावजूद जांच नहीं हो रही तो सबसे बड़ी विफलता है. नीतीश कुमार जी. स्वास्थ्यमंत्री कहां गायब है?
दूसरे ट्वीट में लिखा कि कोरोना काल में BJP-JDU सरकार का भ्रष्टाचार चरम सीमा को पार कर चुका है. छपरा के एक क्वाोरंटाइन सेंटर में मजदूरों को चादर की बजाय कफन सौंप दिया. क्वा्रंटाइन सेंटरों की बहुत ही दयनीय स्थिति है. जनप्रतिनिधियों को नकार सुपर सीएम बन चुके अधिकारियों ने जनता को कीड़ा-मकौड़ा समझ लिया है.
बेरोज़गारी हटाओ यात्रा के दौरान हमारे द्वारा रखे गए बिहार में रोज़गार सृजन के संकल्पों, उपायों और सुझावों जैसे मखाना, मक्कई, केला, आम और लीची आदि की फ़ूड प्रॉसेसिंग यूनिट्स, कृषि आधारित उद्योग, IT कम्पनियां और नए उद्योग लगाने पर 15 वर्षों की BJP-JDU सरकार अमल करे तो पलायन को रोका जा सकता है.
आपदा के समय बिहार सरकार की किसी भी बैठक में आपदा प्रबंधन मंत्री नहीं दिखे. शायद बिहार में विरले ही लोग जानते है कि आपदा मंत्री कौन है लेकिन विभाग के चंद बाबुओं को ‘अतिविशिष्ट योग्यता’ के कारण सब जानते है. बिहार के श्रमिक संकट में है लेकिन श्रममंत्री ड़र के मारे बैठकों से ग़ायब है.
आपदा संबंधित विभागों जैसे आपदा, श्रम और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री बैठकों से ग़ायब है लेकिन ग़ैर-संबंधित विभागों के मंत्री कथित समीक्षा बैठकों में मौजूद रहते है. क्या BJP कोटे के सभी मंत्री नकारा है? क्या उन मंत्रियों के CM आवास में जाने से वहां संक्रमण फैलने का डर है? कुछ बात तो है?