द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी पर बने पुल के अप्रोच रोड के टूटने को लेकर राजनीति तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने गंडक नदी पर बने जिस पुल को उत्तर बिहार के करोड़ों लोगों के सपनों का सपने का पुल बताकर उद्घाटन किया था, वह 29वें दिन ही ध्वस्त हो गया. आठ साल में बनकर तैयार हुए पुल का 16 जून को नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था और 15 जुलाई को पुल का एप्रोच रोड ध्वस्त हो गया. गंडक नदी में थोडा सा उफान आया और पुल का एप्रोच रोड रेत की दीवार की माफिक ढ़ह गया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि इसे सुशासन की सरकार का भ्रष्टाचार कहना मना है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम नीतीश के राज में पुल टूटना आम बात हो गई है. कहलगांव में उद्घाटन के एक दिन पहले बांध टूट जाता है. बिहार में चूहे बांध तोड़ देते हैं. पुल टूटने से पैसा का रिकवरी कैसे होगा. 15 साल में सीएम नीतीश ने 55 घोटाले किए हैं. RCP टैक्स में पैसे दे कर जब तक ट्रांसफर पोस्टिंग होगा तब तक पुल टूटते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि वशिष्टा कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर पुल के निर्माण में लगी राशि 264 करोड़ रिकवरी की जाए. करवाई में हमेशा छोटी मछली पर कार्रवाई होती है. बड़ी मछली को सत्ता संरक्षण प्राप्त होता है. नीतीश सरकार में यह ट्रेंड शुरू ही गया है पुल बने और टूट जाए. बिहार में भ्रष्टाचार ही भ्रस्टाचार है.
तेजस्वी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार इस मामले पर जवाब दें. बिहार में विनाश की गंगा बह रही है. सीएम नीतीश क्यों नहीं जानता या प्रेस को जवाब देते हैं. कोविड-19 को कैसे रोकेंगे. पुल टूटा उसके लिए वे क्या कार्रवाई कर रहे हैं. बिहार में 15 सालों में 16 हज़ार बलात्कार में मामले सामने आए हैं. लॉकडाउन के समय महिला और बची के साथ बलात्कार हो रहा है. 2019 में लगभग 1900 बलात्कार के मामले सामने आए. कहां है सुशाशन, कहां हैं नीतीश कुमार.
तेजस्वी यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि बिहार में आइसोलेशन वार्ड में बलात्कार हो रहा है. सीएम नीतीश की अंतरात्मा बंगाल की खाड़ी में डूब गई है. क्या सीएम नीतीश मंत्री नंद किशोर यादव का इस्तीफा लेंगे. सीएम की हैसियत नहीं है कि बीजेपी के मंत्री नंद किशोर यादव पर कार्रवाई करें. यदि थोड़ी लज्जा बची हो तो नीतीश कुमार को नंद किशोर यादव को बर्खास्त कर देना चाहिए.
आपको बता दें कि बिहार में लॉकडाउन चालू है, लेकिन सरकार बताए की इंतजाम क्या है. सरकार का पूरा तंत्र क्वारंटाइन हो चुका है. गलत निर्णय और नीति के करण बिहार बदहाल है. बिहार के सभी अधिकारी और नेता राज्य सरकार के अस्पताल के बदले एम्स जा रहे हैं. उन्हें अपनी सरकार के हॉस्पिटल पर भरोसा नहीं है. सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं और सब कुछ भगवान भरोसे है. तेजस्वी ने कहा कि मुझे चिंता सबों की है. मेरी मां मधुमेह रोग से ग्रसित है. मैं सब चीजों का ख्याल रखता हूं. उन्होंने कहा कि सबों का टेस्ट होना चाहिए.