पटना : शिक्षक दिवस के अवसर पर इस बार बिहार के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से नवाजा जाएगा. देश भर के 40 शिक्षकों के साथ ही बिहार के मधुबनी जिले की चंदना दत्ता और कैमूर के हरिदास शर्मा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सम्मानित करेंगे. बता दें कि चंदना गुप्ता सूबे के मधुबनी जिले के रांटी स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय की अंग्रजी की शिक्षिका हैं.
17 सालों से जगा रहीं शिक्षा का अलख
बता दें कि चंदना दत्ता पिछले 17 सालों से शिक्षिका के रूप में काम कर रही हैं. रांटी गांव निवासी सुनील कुमार सरोज की पत्नी चंदना का नियोजन 2005 में शिक्षा मित्र के रूप में हुआ था. पति सुनील कुमार ने बताया कि मध्य विद्यालय में पदस्थापित होने के बाद चंदना ने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सार्थक पहल की, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें ये सम्मान मिल रहा है.
चंदना ने अपने शुरुआती दिनों में देखा कि अल्पसंख्य समुदाय के लोग बेटियों को पढ़ाई के लिए विद्यालय भेजने में काफी आनाकानी करते थे. तब से चंदना ने घर-घर जाकर उन्हें समझाया और बेटियों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठाई. उसका सार्थक नतीजा है कि आज विद्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे काफी ज्यादा पढ़ रहे हैं.
पहले भी मिल चुके हैं कई पुरस्कार
बता दें कि चंदना दत्ता को 2014 में डॉ. माहेश्वरी सिंह महेश पुरस्कार, 2016 में रक्तदान सृजन सेवा सम्मान, 2017 में पं. प्रताप नारायण मिश्र युवा सम्मान और 2020 में डॉ. एस राधाकृष्णन सम्मान इत्यादि मिल चुका है. चंदना के मैथिली एवं हिन्दी में विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कथा, आलेख, शोध-पत्र, कविता इत्यादि प्रकाशित होती रही है. गंगास्नान नाम से मैथिली में कथा संग्रह और रक्तदान पर भी बाल कथा उनकी प्रकाशित हो चुकी है. चंदना दत्ता के मुताबिक ये सम्मान उनके साथ-साथ उनको अब तक ज्ञान देने वाले सभी गुरुजन, बच्चे, शिक्षा विभाग से जुड़ा विद्यालय परिवार और परिजन को जाता है. ये सम्मान वो उन सभी को समर्पित करती हैं.
बच्चों के लिए किए कई काम
इधर, कैमूर जिले में शिक्षा की प्रयोगशाला के रूप में मशहूर रामगढ़ के डहरक मिडिल स्कूल के हेडमास्टर हरिदास शर्मा को भी राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. बता दें कि 2019 में शिक्षक दिवस के मौके पर तत्कालीन डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने इन्हें बेस्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया था.
प्रखंड के गोड़सरा गांव निवासी हरिदास शर्मा शुरू से ही शिक्षा के क्षेत्र में मिसाल बने हैं. विद्यालय में अनुशासन और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण सरंक्षण पर जोर दिया. अपने वेतन से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ने के लिए टीवी खरीदा. खुद स्कूल परिसर की चहारदीवारी को अपने हाथों से चित्रकारी कर सजाया.