द एचडी न्यूज डेस्क : पटना ग्रामीण भाजपा में भी अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं. राजधानी के सड़कों पर इस तरह की विरोध की तस्वीर लगाया गया है. ओबीसी जगरण मंच ने साफ संकेत दे दिया है कि विगत 2020 के चुनाव में ओबीसी की अनदेखी (पटना ग्रामीण कुशवाहा बाहुल्य है) करने से दानापुर, मनेर, फुलवारी शरीफ, बिक्रम, मसौढ़ी और पालीगंज से एक भी सीट भाजपा या उसके गठबंधन ने नहीं जीता है. आगे लोकसभा चुनाव भी प्रभावित होंगे. संकेत साफ दिख रहे है. युवाओं का बल भी आने लगा है. जदयू तीसरे नंबर की पार्टी जैसे बन गई है. भाजपा का भी हर्ष वहीं होने वाला है.
आपको बता दें कि पोस्टर में लिखा गया है कि भाजपा पटना ग्रामीण जिला अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग विरोधी हो गई है. 2020 विधानसभा चुनाव में छह विधानसभा हारने के बाद अब लोकसभा हारने की तैयारी कर रही है. एक जाति विशेष के तवज्जों के साथ पिछड़े वर्ग के कार्यकर्ताओं को कमजोर और अपमानित कर रही है. जिला प्रभारी भी अध्यक्ष के गिरफ्त में आ गए हैं.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट